मॉनसून सत्र का पहला दिन, हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन की शुरुआत हंगामे से हुई। संसद शुरू होने के कुछ देर बाद ही हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
गौरतलब है कि यह सत्र 30 अगस्त तक चलेगा। सरकार ने इस सत्र के लिए 44 विधेयकों को सूची में रखा है और इन्हें पास कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
सत्र से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि वे संसद को सुचारू रूप से चलने दें, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने भी कहा है कि वे भी नहीं चाहते कि संसद में गतिरोध बना रहे। वहीं संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस सत्र की अवधी बढ़ाई भी जा सकती है।
संसद के इस सत्र में सरकार की पहली प्राथमिकता खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन क्षेत्र में सुधार से संबधित बिलों को पास कराना है। राजनैतिक दलों को आरटीआई एक्ट के दायरे से बाहर रखने के लिए आरटीआई एक्ट में संशोधन से संबधित विधेयक भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है, खाद्य सुरक्षा बिल। सरकार से जुड़े लोगों का मानना है कि अगर यह बिल पास हो जाता है, कांग्रेस को चुनावों में काफी फायदा होगा, लेकिन इस बिल पर सरकार के सामने समाजवादी पार्टी ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस के इस बिल का समर्थन नहीं करेगी, हालांकि सरकार के लिए राहत की बात यह है कि मुख्य विपक्षी दल बीजेपी सैद्धांतिक तौर पर खाद्य सुरक्षा बिल के पक्ष में है, लेकिन वह चाहती है कि सुधार के साथ ही खाद्य सुरक्षा को संसद की मंजूरी मिले।