चकित्सा जगत में लगातार हो रही रिसर्च का ही यह नतीजा है कि आज पूर्ण रूप से त्रुटिरहित घुटना प्रत्यारोपण(जीरो एरर नी रिप्लेसमेंट) संभव है। आधुनिक जीरो एरर तकनीक के जरिये मानवीय संरचना को क्षति पहुंचाएं बगैर आधे घंटे से कम समय में भी घुटना प्रत्यारोपण संभव है। तमाम लोग इस ऑपरेशन प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी न होने या फिर सही जानकारी न होने के कारण भयवश ऑपरेशन नहींकराते। इस कारण वेष्टप्रद जीवन जीते हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि यदि वे समय रहते घुटना प्रत्यारोपण करा लें, तो ऐसे लोग एक सामान्य ही नहींबल्कि बहुत अच्छी जिंदगी जी सकते हैं।

पांच विशेषताएं

घुटना प्रत्योरोपण से संबंधित जीरो एरर ऑपरेशन तकनीक की पांच विशेषताएं हैं, जो घुटना प्रत्यारोपण की अन्य विधियों की तुलना में इसे सर्वोच्च बनाती हैं। इसकी पहली विशेषता जीरो मसल कटिंग एप्रोच है, जिसके अंतर्गत प्रत्यारोपण के दौरान किसी भी मांसपेशी को नहीं काटा जाता है। इसी वजह से रोगी को ऑपरेशन के चार घंटे बाद ही चलाया जा सकता है।

दूसरी विशेषता जीरो एरर इन्स्ट्रूमेंटेशन है। इसका आशय है कि ऑपरेशन व्यक्ति विशेष के लिए खास तौर पर निर्मित किए गए (कस्टम मेड) इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा किया जाता है। इस कारण ऑपरेशन के दौरान कोई नाप-जोख नहीं करनी होती है जिससे नाप-जोख में किसी गलती या

चूक होने का सवाल ही खत्म हो जाता है। इन उपकरणों से ऑपरेशन करने के और कई फायदे हैं। जैसे ऑपरेशन करते समय टिश्यूज को कोई चोट नहींपहुंचती है।

इस विधि की तीसरी विशेषता जीरो फ्रिक्शन इम्प्लांट है। इसका आशय यह कि प्रत्यारोपित किया जाने वाला इम्प्लांट भी बहुत खास प्रकार की धातु से निर्मित होता है जो तीस से भी अधिक वर्र्षो तक चलता है। यानी यह शून्य घर्षण वाला इम्प्लांट है।

जीरो एरर ऑपरेशन विधि की चौथी विशेषता जीरो लॉस ऑफ मूवमेंट है। आशय यह है कि भारतीय और एशियाई लोगों की आवश्यकता के अनुरूप, प्रत्यारोपण के बाद भी लोग पैर मोड़कर, पालथी मारकर व उकड़ू बैठ सकते हैं। जीरो एरर विधि की पांचवीं विशेषता जीरो इन्फेक्शन है। इसका आशय है कि यह प्रक्रिया 100 प्रतिशत संक्रमण रहित है। जब उपर्युक्त पांच खूबियों के समीकरण से घुटना प्रत्यारोपण होता है, तो वह अपने आप में बेजोड़ होता है। इसलिए स्पष्ट रूप से यह कहा जा सकता है कि घुटना प्रत्यारोपण की जीरो एरर तकनीक घुटने की गठिया से पीड़ित लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह तकनीक उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जिनके घुटने किन्हींकारणों से कम उम्र में ही खराब हो चुके हैं।