नगर प्रतिनिधि . भोपाल
कोलार डेम भरने की कगार तक पहुंच गया है। कोलार डेम के गेट खुलने के लिए एक मीटर पानी की और जरूरत है। सात साल बाद कोलार डेम के गेट खुलने की संभावना बनी है। पिछली बार 31 अगस्त 2006 में कोलार डेम के गेट खुले थे। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोलार डेम के गेट खुले या ना खुले, यह हमारे लिए संतोष का विषय है कि डेम फूल टैंक लेबल तक भर गया है। डेम के गेट खेलते है तो भी पानी व्यर्थ ही बहेगा, इसलिए डेम का भरना जरूरी है, गेट खुलना जरूरी नहीं है। कोलार डेम के पानी से 35 हजार हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है, जबकि डेम से नगर निगम को सालाना 63 एमसीएम पानी मिलता है।  कोलार डेम का जल स्तर आज सुबह 461.12 मीटर है, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 462.20 मीटर है। कोलार डेम के गेट 2006 में 31 अगस्त को खुले थे। तब डेम से 147.635 एमसीएम पानी छोड़ा गया था। कोलार डेम से छोड़ा गया पानी कोलार नदी से होता हुआ नसरूल्लागंज के समीप स्थित 70 किलोमीटर दूर नीलकंठ के पास नर्मदा नदी में मिलता है। 2006 से पहले 11 अक्टूबर 1998 को कोलर डेम के गेट खुले थे, जबकि इससे पूर्व 1996 व 1994 में भी कोलार डेम के गेट खुले थे। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इच्छावर, विजेश नगर च बीरपुर इसका कैचमेंट एरिया है। सीहोर क्षेत्र का मात्र 7 प्रतिशत क्षेत्र का पानी कोलार डेम में आता है। सबसे ज्यादा कैचमेंट एरिया इच्छावर क्षेत्र का है। उस क्षेत्र में बारिश पर नजर रखी जाती है। कोलार को अभी भरने के लिए इच्छावर क्षेत्र में लगभग 100 मिलीमीटर बारिश की और आवश्यकता है। इतना पानी उस क्षेत्र में बरस जाए तो कोलार डेम के गेट खुलने की संभावना बन जाएगी। कोलार डेम का 508 वर्ग किलोमीटर कैचमेंट एरिया है। डेम की उपयोगी क्षमता 265 मिली घनमीटर है। 5 मिली घनमीटर डेड स्टारेज है। जल संसाधन विभाग नगर निगम को रोजाना 37 एमजीडी पानी देता है। सालाना यह मात्रा 63 एमसीएम हो जाती है। इसके अलावा बाकी पानी नसरूल्लागंज, रेहटी क्षेत्र में नहर के माध्यम से सिंचाई के लिए दिया जाता है, जिससे लगभग 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई होती है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल हुई अच्छी बारिश का फायदा इस साल मिला है। डेम ज्यादा खाली नहीं हुआ था, जिससे अब भरने की कगार तक आ गया है। एक मीटर की जरूरत पूरी होने पर डेम के गेट खेल सकते है। जल संसाधन विभाग ने डेम के भरने की स्थिति को देखते हुए वहां एसडीओ स्तर तथा सब इंजीनियर की 24 घंटे के लिए ड्यूटी लगा दी है। साथ ही डेम से पानी छोड़े जाने वाले कैचमेंट एरिया के संबंधितों को भी सूचित कर दिया गया है।