सेहत : लॉरिक एसिड सेहत के लिए लाजवाब
कहते हैं कि अधिकता किसी भी वस्तु या पदार्थ की नुकसानदेह होती है। यह बात वसा (फैट) पर भी लागू होती है, लेकिन वसा का एक विशिष्ट प्रकार लॉरिक एसिड आपके शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र को सशक्त कर सकता है..
वसा (फैट) और फैटी एसिड्स के बारे में आम तौर पर लोग कई धारणाओं की गिरफ्त में हैं। जैसे वसा या वसायुक्त खाद्य पदार्र्थो के सेवन से कालातर में मोटापा बढ़ता है, हाई ब्लडप्रेशर व हृदय रोग और स्ट्रोक होने की आशकाएं बढ़ जाती हैं। ये बातें सच का एक पहलू है। दूसरा पहलू यह है कि कुछ खास किस्म की वसा व फैटी एसिड्स को आहार में स्थान देने से आपके शरीर का रोग प्रतिरोधक तत्र (इम्यूनिटी सिस्टम) सशक्त होता है। गौरतलब है कि लॉरिक एसिड फैटी एसिड का एक विशिष्ट प्रकार है, जो मा के दूध के बाद नारियल तेल में पाया जाता है।
दिलचस्प तथ्य
पुष्पाजलि क्रॉसले हॉस्पिटल, गाजियाबाद की हेड न्यूट्रीशनिस्ट चारु दुआ कहती हैं कि मा का दूध शिशु के लिए कुदरत के किसी वरदान से कम नहीं हैं। मा के दूध में बच्चे के रोग प्रतिरोधक तत्र (इम्यूनिटी सिस्टम) को मजबूत करने वाले अनेक पोषक तत्व होते हैं। जब मा के दूध का विश्लेषण किया गया, तब पता चला कि इसका 50 प्रतिशत भाग सतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) होता है, जिसमें से 20 प्रतिशत भाग लॉरिक एसिड होता है। लॉरिक एसिड फैटी एसिड का एक विशिष्ट प्रकार है।
इस क्रम में मुंबई के बी.वाई. एल. नायर हॉस्पिटल से सम्बद्ध डॉ. रोजमैरी डीसूजा के अनुसार मा के दूध के बाद लॉरिक एसिड का दूसरा सबसे अच्छा स्रोत नारियल तेल है, जिसमें सतृप्त वसा का 50 प्रतिशत भाग लॉरिक एसिड होता है।
एक बार जब लॉरिक एसिड जैव रसायन (बॉयोकेमिकल) के रूप से मोनोलॉरिन नामक सक्रिय अणु में तब्दील हो जाता है, तब यह जीवाणु,फंगस और वाइरस के कारण उत्पन्न होने वाली अनेक बीमारियों से मुकाबला करने में सक्षम हो जाता है। मोनोलॉरिन कुदरत के बेहतर एंटीबॉयटिक के रूप में कार्य करता है, जिसके साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।
इन रोगों में कारगर
डॉ. रोज मैरी डीसूजा के अनुसार नारियल का तेल मोटापा, हदय रोग, लिवर संबंधित रोग, त्वचा में काति की समस्या, मधुमेह, समय से पूर्व वृद्धावस्था, ऑस्टियोपोरोसिस आदि से बचाव करने में सहायक है। इसी क्रम में डॉ. चारु दुआ कहती हैं कि नारियल तेल रक्त में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (एल.डी.एल.) के स्तर को भी कम करने में सहायक है। इस सदर्भ में सवाल यह उठता है कि लॉरिक एसिड को प्रतिदिन कितनी मात्रा में लेना चाहिए? इस सदर्भ में चारु दुआ कहती हैं कि स्वस्थ व सतुलित आहार के लिए प्रतिदिन विभिन्न खाद्य पदार्र्थो के साथ 5 से 10 ग्राम (एक छोटा चम्मच) नारियल तेल का सेवन नियमित रूप से किया जा सकता है।