सेहत : घरेलू नुस्खे हैं मौसमी बीमारियों के कारगर उपाय
बारिश को बीमारियों का मौसम भी माना जाता है। पानी और गंदगी के कारण कई तरह के जीवाणु इस मौसम में पैदा होते हैं। इनके कारण कई तरह की बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों के इलाज के लिए भार भरकम रकम चुकानी होती है। कुछ सावधानियों और घरेलू नुस्खों को अपना कर इन बीमारियों और उनके इलाज में होने वाले खर्च से बचा जा सकता है।
यह नुस्खे पुराने समय से हमारे देश में अपनाए जाते रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में जीवन के तौर तरीकों में आए बदलाव ने लोगों को इनसे दूर कर दिया है विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में।
पीलिया से बचाए हर्रा और गुड़
बारिश के दिनों में जो बीमारियां सबसे ज्यादा होती हैं उनमें पीलिया प्रमुख है। बरसात में अपने दैनिक जीवन में कुछ चीजों के सेवन की आदत डालकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। सूरजपुर कस्बे में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉक्टर सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पीलिया से बचाव का सबसे कारगर उपाय हर्रा (हरण) और गुड़ का सेवन है। उन्होंने बताया कि हर्रा को देशी घी में भूनकर हर दिन इसके एक बीज का सेवन गुण के साथ करके पीलिया से बचा जा सकता है। हर्रा और गुड़ आसानी से किसी भी परचून के दुकान पर मिल सकता है।
तुलसी और काली मिर्च रखे जुकाम पर नियंत्रण
बारिश में भींगने के कारण जुकाम होना बहुत आम बात है। खासकर बच्चों को जिन्हें बारिश में खेलने से रोकना मुश्किल होता है। डॉक्टर चौधरी ने बताया कि भींगने से होने वाले जुकाम से बचने के लिए काली मिर्च, तुलसी के पले और इलायची का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। यह जुकाम तो रोकता ही है साथ अन्य बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
खुजली से बचाए गंधक और नारियल तेल
बारिश में खुजली की भी शिकायत होती है। पहली बारिश के बाद तो कई लोगों को फोड़े फुंसी तक निकलते हैं। यदि हर दिन पानी में गंधक मिलाकर नहाया जाए तो इससे बचा जा सकता है। इसके साथ ही यदि फोड़े फुंसी हो जाए तो उसपर गंधक को नारियल का तेल मिलाकर लगाना चाहिए।
धूप से होता है हर तरह के विषाणुओं का नाश
डॉक्टर सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पहले घरों में सुबह-सुबह धूपन की परंपरा थी। लेकिन आज की भागमभाग की जिंदगी में यह लगभग खत्म ही हो गई है। लेकिन इसके कई वैज्ञानिक प्रभाव होते हैं। यह बारिश के मौसम पैदा होने वाले कई तरह के वाइरस, बैक्टेरिया और फंगस को खत्म कर देता है। हर दिन नहीं तो सप्ताह में एक बार लोगों को कपूर, लोबान, गोंद, गंधक और लकड़ी का धूपन करना चाहिए। इससे कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।