पहेली बनी बाघिन राधिका की मौत, नहीं मिला कोई क्लू
By dsp bpl On 22 Jan, 2018 At 04:09 PM | Categorized As मध्यप्रदेश | With 0 Comments

चूरना के जंगल में गुरुवार शाम मिला था बाघिन का शव

T-1-850x491भोपाल। चार दिन पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूरना क्षेत्र में मृत पाई गई बाघिन राधिका की मौत की गुत्थी सुलझ नहीं सकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसकी मौत की कोई वजह सामने न आ पाने से उसकी मौत की पहेली और उलझ गई है। अब वन्य प्राणी संरक्षण विभाग की उम्मीदें फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।

दो साल पहले कान्हा से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व लाई गई बाघिन टी-1 जिसे वन अमले के लोग राधिका कहकर पुकारते थे, का शव गुरुवार दोपहर में चूरना क्षेत्र की मंडरई बीट में दिखाई दिया था। वनकर्मी जब हाथी से गश्त कर रहे थे, तब श्रीढाना के पास बाघिन का शव दिखाई दिया। शुक्रवार की सुबह 4 डॉक्टरों की टीम ने मृत बाघिन का पोस्टमार्टम किया, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों का कहना था कि बाघिन का शव 2 से 3 दिन पुराना था। इसके अलावा डॉक्टरों को ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे बाघिन की मौत की वजह पता चल सके। दूसरी बात यह भी थी कि मृत बाघिन के शरीर के सभी अंग सुरक्षित थे। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति का कहना है कि यदि बाघिन का शिकार किया गया होता, तो शिकारी उसके नाखून, दांत और खाल ले जाते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं पाया गया। इससे बाघिन की मौत का रहस्य और ज्यादा गहरा गया है।

इससे गहराया संदेह: बाघिन राधिका की मौत से करीब 20 दिन पहले कुछ संदिग्ध लोग चूरना क्षेत्र के आसपास दिखाई दिए थे। टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा लगाए गए कैमरों ने इन संदिग्ध लोगों की तस्वीरें भी ली थीं। सूत्रों के अनुसार बाघिन राधिका ने अपनी मौत से करीब 5 दिन पहले एक भैंस का शिकार किया था। एक बार शिकार खाने के बाद वह वापस आ गई थी। अपनी मौत से एक दिन पहले उसने दूसरी बार शिकार खाया था। इसके बाद ही उसकी मौत हो गई। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में शिकार के मांस में जहर मिलाकर पहले भी बाघ का शिकार किया जा चुका है। इधर, टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने भी बाघिन के शिकार की आशंका को पूरी तरह नकारा नहीं है। इसकी पुष्टि बाघिन टी-1 की मौत पर वन अपराध दर्ज किए जाने से होती है, क्योंकि सामान्य मौत के मामलों में विभाग वन अपराध दर्ज नहीं करता है। बाघिन के पोस्टमार्टम के बाद उसका विसरा और अन्य चीजें फोरेंसिक जांच के लिए जबलपुर और भोपाल की प्रयोगशालाओं में भेजी गई थीं, इनकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही बाघिन राधिका की मौत से परदा हटने की उम्मीद है।

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