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प्रशासनिक प्रतिनिधि . भोपाल
राज्य के तीन मंत्रियों का यह साल कैबिनेट मंत्री व स्वतंत्र प्रभार की आस में गुजरा, जबकि कुछ माह पूर्व अनूप मिश्रा की मंत्रिमंडल में वापसी के समय कयास लगाये जा रहे थे कि राजेन्द्र शुक्ला, रंजना बघेल, पारस जैन, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, कन्हैयालाल अग्रवाल, हरीशंकर खटीक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल जायेगा।

कयास के मुताबिक राजेन्द्र शुक्ला, रंजना बघेल, पारस जैन को तो केबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया, किन्तु अनुसूचित जाति कल्याण के साथ ही सामान्य प्रशासन और लोकसेवा प्रबंधन के मंत्री भी कैबिनेट दर्जा नहीं मिल सका जो पिछले कई वर्षों से इस कतार में थे। कन्हैयालाल अग्रवाल, बृजेन्द्र प्रताप सिंह और हरिशंकर खटीक इन विभागों के स्वतंत्र प्रभार की आस थी, लेकिन अब इस साल इसकी संभावना खत्म हो गई है और कयास सिर्फ कयासों तक ही सीमित रहे हैं। अब आगे सरकार चुनावी रंग में रंगी दिखाई देती है तो स्वतंत्र प्रभार का मामला शायद ही पूरा हो सके, जबकि आदिम जाति विभाग व अनुसूचित जाति नया विभाग बना इसका अमला अलग होने के बाद इसके स्वतंत्र प्रभार की ज्यादा संभावना थी। जो इस बर्ष पूरी नहीं हो सकी।