महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल मोजाम्बिक में लेगें 27 हजार एकड़ जमीन

महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल मोजाम्बिक में लेगें 27 हजार एकड़ जमीन

पुणे।। महाराष्ट्र की एक शुगर को-ऑपरेटिव मोजाम्बिक में 27,000 एकड़ जमीन लीज पर लेगी। इस को-ऑपरेटिव को राज्य के एक मंत्री चलाते हैं। मोजाम्बिक में इस जमीन पर इसकी मक्के, सोयाबीन और धान की खेती की योजना है। को-ऑपरेटिव की केन्या में शुगर मिल पर भी नजर है। रिसोर्स की कमी और सख्त रेगुलेशंस के चलते देश के शुगर मिल मालिकों की नजर ग्रोथ के लिए अब अफ्रीका पर है। अफ्रीका में जमीन और नैचरल रिसोर्सेज की कमी नहीं है। महाराष्ट्र के रूरल डिवेलपमेंट मिनिस्टर जयंत पाटिल यहां से लोकल और इंडियन मार्केट को ऐग्रि प्रॉडक्ट्स की सप्लाई कर सकते हैं।

राज्य के शुगर को-ऑपरेटिव राजारामबापू पाटिल सहकारी शक्कर कारखाना लिमिटेड पर उनका ही कंट्रोल है, जिसने मोजाम्बिक में जमीन लीज पर लेने का प्लान बनाया है। इस तरह की पहल करने वाले पाटील अकेले शख्स नहीं हैं। महाराष्ट्र की प्राइवेट मिल नैचुरल शुगर ऐंड अलायड इंडस्ट्रीज (एनएसएआई) ने 2011-12 में मोजाम्बिक में शुगर मिल लगाने के लिए 10,000 हेक्टेयर जमीन लीज पर ली थी। इसके लिए इस कंपनी ने 150 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया था।

इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन के डायरेक्टर जनरल अबिनाश वर्मा ने बताया, ‘दुनिया की शुगर इंडस्ट्री का अगला ठिकाना अफ्रीका है। वहां जमीन की कोई कमी नहीं है।’ पिछले कुछ समय में अफ्रीका में दुनिया भर की ऐग्रिकल्चर, माइनिंग और एनर्जी कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ी है। हालांकि, उन्हें अपारदर्शी रेगुलेटरी सिस्टम के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राजारामबापू को-ऑपरेटिव के लिए यह मुश्किल पाटिल कुछ आसान कर सकते हैं। इस को-ऑपरेटिव का टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपए है। पाटिल के राजारामबापू एसएसके ने 27,000 हेक्टेयर जमीन लीज पर लेने के लिए मोजाम्बिक सरकार के साथ शुरुआती ऐग्रिमेंट किया है।

डिटेल्ड स्टडी के बाद फाइनल अग्रीमेंट किया जाएगा। राजारामबापू के एक ऑफिशल ने बताया, ‘भारत में जमीन की कमी है। कोल्हापुर क्षेत्र में एवरेज लैंड होल्डिंग एक हेक्टेयर से कम है। वहीं, अफ्रीका में काफी जमीन है, जो बड़े प्रॉजेक्ट्स के लिए ठीक है। हम अपनी शुगर मिल के लिए सदस्य किसानों को भी वहां जमीन देने की सोच रहे हैं। उनसे हमें रॉ मटीरियल मिलेगा या हम उन्हें अपने प्रॉजेक्ट में इन्वेस्टमेंट के लिए भी कह सकते हैं। ऐसे में दोनों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।’