तय समय में होगा मर्जर एग्रीमेंट का निराकरण
नगर प्रतिनिधि . भोपाल। मर्जर एग्रीमेंट मामले को लेकर आज भाजपा के जिलाध्यक्ष आलोक शर्मा ईदगाह हिल्स व संत हिरदाराम नगर के रहवासियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मर्जर एग्रीमेंट मामले के निराकरण का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि वर्षों से रह रहे हंै, उस संपत्ति व मकान को लेकर सरकार के रुख से हमारी सांसे अटकी हुई हैं। ईदगाह हिल्स व संत हिरदाराम नगर के रहवासी न तो संपत्ति बेच पा रहे है और न ही भवन निर्माण कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर भोपाल निशांत वरवड़े से दूरभाष पर इस संबंध में चर्चा की और समय सीमा में इस मामले के निराकरण के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव को भी निर्देशित किया कि राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव व विधि विभाग के प्रमुख सचिव के साथ मिलकर इस मामले का स्थाई हल निकालें। ईदगाह हिल्स (मर्जर एग्रीमेंट) की जमीन को लेकर ईदगाह हिल्स तथा संत हिरदाराम नगर के रहवासियों की लड़ाई भाजपा के जिला अध्यक्ष आलोक शर्मा को सौंपे जाने के बाद राजनीतिक हलको में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। खासतौर पर मर्जर एग्रीमेंट मामले को हल करने को लेकर ईदगाह हिल्स-संत हिरदाराम नगर मर्जर एग्रीमेंट हटाओ समिति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिली। भाजपा के जिला अध्यक्ष आलोक शर्मा के नेतृत्व में १८ लोगों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से आज सुबह मुख्यमंत्री निवास में मिला। समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि ईदगाह हिल्स की ६०० एकड़ जमीन में से आज भी लगभग ४०० एकड़ भूमि खुली भूमि है, जहां पार्क, सड़क व अन्य खुले क्षेत्र इसमें शामिल हैं। शेष २०० एकड़ की भूमि जिस पर पिछले ५० साल से अधिक समय से रहवासी निवास कर रहे हंै। २००१ में तत्कालीन कलेक्टर ने ईदगाह ड्योढ़ी पर किसी व्यक्ति या संस्था का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं होने तथा भोपाल रियासत के नवाब हमीद उल्ला खां और भारत सरकार के बीच ३० अप्रैल १९४९ को निष्पादित मर्जर एग्रीमेंट में भी ईदगाह ड्योढ़ी का उल्लेख नवाब की व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में नहीं किया। नवाब हमीद उल्ला एवं उनकी उत्तराधिकारी बेगम साजिदा सुल्तान ने भी इस जमीन को लेकर कभी कोई दावा नहीं किया। कलेक्टर ने इस आधार पर ईदगाह ड्योढ़ी की भूमि को शासकीय अभिलेख में शासन के नाम पर दर्ज करने का आदेश दे दिया तथा यहां की भूमि के संबंध में शासकीय अभिलेखों में किसी व्यक्ति के पक्ष में नामांतरण एवं एनओसी जारी करने पर रोक लगा दी। यहां के रहवासियों के पास तमाम तरह के सरकारी दस्तावेज हैं, जिन्हें दरकिनार कर जिला प्रशासन ने ईदगाह हिल्स की जमीन को सरकारी घोषित कर दिया। इस मामले को सुनने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के कलेक्टर निशांत वरवड़े से दूरभाष पर चर्चा की और समय सीमा में मर्जर मामले को हल करने को कहा। उन्होंने कहा कि ईदगाह हिल्स व संत हिरदाराम नगर के रहवासियों को डरने की आवश्यकता नहीं है। जो जहां रह रहा है उनको उनका अधिकार मिलेगा। इसी तरह का मामला कटनी में भी सामने आया है। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में वकील बंसीलाल इसारनी, जयकिशन लालचंदानी, मोहनलाल गंगवानी, साबूमल रीझवानी, नानकराम वाधवानी, राजेश हिंगोरानी, सत्यार्थ अग्रवाल, विकास विरानी, दीपक ज्ञानचंदानी, सुशील वासवानी, , चेतनगिरी गोस्वामी बंटी सांई, नारायण गुलानी, चंदू सरानी, रवि गगरानी, दुर्गेश केसवानी, महेंद्र डंग आदि मौजूद थे।