आम आदमी को कब मिलेगा न्याय
गोविन्द चौरसिया . छिंदवाड़ा
तहसील न्यायालय छिंदवाड़ा द्वारा दिया गया छेड़ी के एक अतिक्रमण तोडऩे के आदेश का पालन कराने एक माह से चक्कर लगा रहा प्रकाश साहू आदिवासी विकास विभाग कार्यालय के एक बाबू के कारण न्याय से वंचित है। यह बाबू न केवल तहसीलदार पर भारी पड़ गया बल्कि 10 भाजपा के बड़े नेताओं के फोन भी तहसील न्यायालय का आदेश होने के बावजूद अतिक्रमण तुड़वाने में नाकाम रहे। दीवानचीपुरा निवासी प्रकाश साहू ने बताया कि 26 जून 2013 को तहसील न्यायालय द्वारा नजूल भूमि ब्लाक नंबर 13 प्लाट नंबर 4 एवं 5 में स्थित मकान के मध्य निस्तारी छेड़ी को भगवानी पिता बल्ला उर्फ पिताबंर साहू द्वारा निस्तारी छेड़ी पर गेट बनाकर एवं दरवाजा लगाकर ताला बंद कर दिये जाने पर लंबे समय तक चले प्रकरण का निपटारा करते हुये आदेश दिया कि एक मीटर चौड़ी निस्तारी छेड़ी पर लगाये गये, दरवाजे को हटाया जाये ताकि प्रकाश साहू भी इस छेड़ी का उपयोग कर सकें। न्यायालय का यह आदेश जब प्रकाश को मिला तो उसे पालन कराने उन्होने अधिकारियों के कई चक्कर लगाये किन्तु दरबाजा आज तक नहीं टूट पाया।