भारतीय राजनीति में अपनी गहरी पैठ बना चुके परिवारवाद की एक से बढ़कर एक मिसाल आम दिनों की अपेक्षा चुनावी मौसम में ज्यादा देखने को मिलती हैं। लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद अब तक जिन दलों ने जिन राज्यों से अपने प्रत्याशी घोषित किये हैं उनमें से परिवारवाद के दो बड़े उदाहरण […]
लगातार छह साल तक भारत के कोयला उत्पादक मांग को पूरा नहीं कर पाए। इसकी वजह से बिजली बनाने वाले संयंत्रों की हालत खराब हो गई। शुरुआत में उन्होंने कुछ महीनों तक विदेशों से कोयला खरीदा लेकिन दाम ज्यादा होने की वजह से देर सबेर ये खरीद बंद हो गई। ऊर्जा संकट के घने बादलों […]
चुनाव आयोग के निर्देशन में केंद्र व राज्य सरकारों के 1950 से अनवरत स्वतंत्र व पारदर्शी चुनाव कराने के प्रयास किए गए। नि:संदेह चुनाव आयोग द्वारा तो प्रयास किया गया, परंतु गिरते मतदान प्रतिशत ने लोकतंत्र शब्द को ही बेमानी बना दिया। ऐसा नहीं था कि जनता देश से प्रेम नहीं करती, परंतु राजनीति के […]
हर घर में यही नजारा है। हर कोई अपने बच्चों को नंबरों की रेस में जीतते देखना चाहता है। यह कामना महानगरों और नगरों से कस्बों और गांवों तक जा पहुंची है। उत्तर प्रदेश में दसवीं कक्षा के एक छात्र ने हाल ही में आत्महत्या कर ली। वह पिछले साल दसवीं में फेल हो गया […]
बसंत आगमन के साथ प्रकृति जब नए सिरे से खुद को संवारती है, तो उसकी छटा निराली होती है। वह अपनी सारी गांठें खोलकर खुद को विविध रंगों के माध्यम से अभिव्यक्त करती है। उस समय पेड़-पौधों की हरियाली और नाना प्रकार के पुष्प अपनी रंग बिरंगी छटा से मन मोह लेते हैं। तब मनुष्य […]
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जिन उद्धेश्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढऩे की प्रेरणा देता है उनको प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की बागडोर सम्हालते ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नीतियां तय करने के लिए उन्हीं से पूछा जिनकी तकलीफ है […]
पति गरीब, मेहनतकश औरतें हमेशा अपनी जिंदगी और अपनी किस्मत अपने हाथ में लेकर चलती रहीं। शौच के लिए भोर में निकलना हो, पानी भरने जाना हो, ईधन की लकड़ी जुटाना हो या खेत काटकर अंधेरे में लौटना हो, उन्हें खुद ही अपनी रक्षा करनी होती है। न ही पुलिस थाना पास होता और न […]
भाजपा एक बार फिर अतीत को दोहराती दिख रही है। पहले की तरह लोकसभा चुनाव की गूंज के साथ पार्टी के भीतर अटल की विरासत का झगड़ा सतह पर दिखने लगा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां महारैली में जो कुछ जिन शब्दों और जिस शैली में कहा, उससे इस […]
अब यदि लहर का पैमाना रैलियों की भीड़ है तो फिर उप्र में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मुलायम-अखिलेश लहर क्यों नहीं बता रहा है? क्यों मोदी लहर प्रचारित किया जा रहा है? इसके लिए ओपिनियन पोलों का सहारा लिया जा रहा है, जिसमें ताजा सर्वेक्षणों में भाजपा नीत एनडीए को 235-240 सीटें मिलती दिखाई जा रही […]
16वीं लोकसभा चुनाव वैसे तो कई कारणों से दिलचस्प है, लेकिन एक बड़ा कारण यह है कि हमारे लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री पद के कई दावेदार मैदान में हैं। पहले भी ऐसा होता रहा है कि कांग्रेस की कमजोरी के चलते क्षेत्रीय पार्टियों को केंद्र की सरकार में निर्णायक भूमिका निभाने का […]
अभी कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र फरूखाबाद में एक जनसभा के दौरान नरेंद्र मोदी को 2002 के गुजरात दंगों को रोकने में नाकाम रहने के लिए नपुंसक कह डाला। उनके इस अपशब्द पर मचा बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ था कि […]
सवाल यह नहीं है कि जिस महिला की हत्या हुई है, उसने राहुल गांधी को चूमा या नहीं। सवाल यह है कि महिला जलाकर क्यों मारी गई? चाहे वह मामला कुछ भी हो, पर महिला के उत्पीडऩ की बात सामने आई है। इस घटना ने समाज के उस चेहरे को सामने ला दिया है, जिसके […]