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नीरज पांडे . भोपाल
आज से शुरू हो रहे नए साल में पहली बार महिलाओं के लिए मददगार हेल्पलाइन मिल रही है। हेल्पलाइन तो पहले भी थी लेकिन वह निजी टेलीकाम कंपनियों के अढिय़ल रवैए के कारण वह महज औपचारिकता बन कर ही रह गई थी।
मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित महिला हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1091 को निजी कंपनियों ने कनेक्टिविटी नहीं दी थी लेकिन इस बार दिल्ली में छात्रा से गैंगरेप के बाद देश में भर में गम व गुस्से के माहौल के चलते निजी टेलीकाम कंपनियों ने भी इंसाफ की राह में रोड़ा बनना मुनासिब नहीं समझा। नई हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1090 को सभी कंपनियों से कनेक्टिविटी मिल गई है।
तीन साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च को राजधानी के मेट्रो थाने में महिला हेल्पलाइन का उद्घाटन किया था। शुभारंभ अवसर पर सीएम ने कहा था कि छेड़छाड़ व अन्य प्रताडऩा से त्रस्त महिलाएं इस हेल्पलाइन को फोन कर तुरंत मदद हासिल कर सकेंगी। इस हेल्प लाइन को ‘भोपाल पुलिस आपके लिएÓ नाम दिया गया था। साथ ही हेल्पलाइन को 1091 का फोन नंबर भी दिया गया है। यह नंबर टोलफ्री है अर्थात फोन लगाने वाले व्यक्ति को शुल्क नहीं देना होगा। यह हेल्पलाइन शुरूआत से ही युवतियों के लिए मददगार साबित नहीं हुई। सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने तो इस नंबर से अपनी कनेक्टीविटी कर दी है पर बाकी निजी दूरसंचार कंपनियां निशुल्क सेवा देने से इंकार कर दिया। आधा दर्जन से अधिक मोबाइल कंपनियों ने भी इसे कनेक्टिविटी नहीं दी।
निजी कंपनियों की आनाकानी के कारण आज बीएसएनएल के अलावा किसी भी मोबाइल अथवा लेंडलाइन नंबर से हेल्पलाइन पर फोन नहीं लग रहा है। फोन न लगने के कारण पीडि़त महिलाओं को इस हेल्पलाइन से मदद नहीं मिल पा रही है। वर्तमान में महिलाओं के पास ज्यादतर मोबाइल ही होते हैं। इनमें भी ज्यादतर के पास बीएसएनएल की सिम नहीं होती। इस तरह से अस्सी फीसदी से अधिक फरियादियों के लिए यह सेवा बेमानी ही रही। इधर आज से शुरू हो रही नई हेल्पलाइन में पुलिस ने पुरानी घटना से सबक लिया है तथा सभी निजी टेलीकाम व मोबाइल कंपनियों को इस हेल्पलाइन के लिए कनेक्टिवविटी देने के लिए राजी कर लिया है। इस तरह इस सुविधा का लाभ हर वह महिला उठा पाएगी जिसके पास मोबाइल अथवा लैंडलाइन नंबर है।