51358925858_rajnathgarland295
नई दिल्ली: राजनाथ सिंह आज निर्विरोध रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष चुन लिए गए। बीजेपी संसदीय बोर्ड द्वारा पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में उनके नाम को मंजूर किए जाने के बाद उन्होंने नामांकन पत्र भरा।

किसी और के नामांकन पत्र नहीं भरने पर उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने का पार्टी ने ऐलान किया। सुबह संसदीय बोर्ड की बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अध्यक्ष पद के लिए राजनाथ सिंह नाम की पेशकश करते हुए प्रस्ताव रखा, जिसे निर्वतमान अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित सबने एक स्वर से स्वीकार कर लिया।

राजनाथ सिंह ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद कहा कि निवर्तमान अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पूरी कर्मठता से पार्टी का संचालन किया और पार्टी की छवि को बेहतर बनाए रखने के लिए पद से इस्तीफा देकर बेदाग साबित होने तक पद न संभालने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि वह  बेदाग हैं और उनकी कर्मठता और ईमानदारी पर प्रश्नचिह्न लगाने का साहस कोई नहीं कर सकता।

उन्होंने गडकरी से भी साफ कहा कि इस समय आप अकेले नहीं हैं और पूरी भारतीय जनता पार्टी आपके साथ है। इससे पहले, लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि राजनाथ सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है और अब 2014 के आम चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना उनका उत्तरदायित्व होगा।

मंगलवार की शाम को अचानक नाटकीय ढंग से बदलते घटनाक्रम के बीच गडकरी की बजाय किसी अन्य को पार्टी के इस शीर्ष पद पर बैठाए जाने की कवायद शुरू हो गई और अंतत: राजनाथ सिंह पर सबकी सहमति बन गई।

पहले भी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की अगुवाई कर चुके राजनाथ सिंह अब 2014 के चुनाव में भी बीजेपी की कमान संभालेंगे। मंगलवार शाम तक गडकरी का लगातार दूसरी बार पार्टी के अध्यक्ष का पदभार संभालना एकदम तय लग रहा था। इसके लिए पार्टी के विधान में संशोधन पहले ही किया जा चुका था, लेकिन संदिग्ध निवेश के आरोपों से घिरी गडकरी की पूर्ती कंपनी से जुड़े नौ ठिकानों पर आयकर अधिकारियों द्वारा छापे माने जाने के बाद हालात अचानक बदल गए।

गडकरी से अच्छे संबंध नहीं रखने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में सहमति बनने का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी। बाद में मोदी ने ट्वीट किया, मैंने श्री राजनाथ सिंहजी को फोन करके बधाई दी है। उनके साथ संगठन और प्रशासन दोनों का व्यापक अनुभव है। वह अटलजी सरकार में कृषि मंत्री रहे। वह हमेशा से किसानों से जुड़े रहे। बीजेपी को इससे लाभ होगा।

संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने बताया कि आडवाणी ने अध्यक्ष के रूप में गडकरी द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना करने वाला अन्य प्रस्ताव भी रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। पूर्ती कंपनी के ठिकानों पर आयकर छापे मारे जाने के बाद गडकरी के खिलाफ एक बार बगावत का बिगुल बजाते हुए वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने ऐलान कर दिया था कि अगर वह अध्यक्ष पद से नहीं हटे तो वह (सिन्हा) उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वह पार्टी से नामांकन पत्र और मतदाता सूची भी ले आए।

इसके बाद पार्टी में गडकरी के खिलाफ माहौल बनने लगा। गडकरी के इस्तीफा देने और अध्यक्ष पद के लिए राजनाथ सिंह का नाम सामने आने पर सिन्हा ने ऐलान किया अब वह इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। सुबह संसदीय बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले 62-वर्षीय राजनाथ सिंह पहले आडवाणी के निवास पर उनसे ‘आर्शीवाद’ लेने गए। इसके बाद वह गडकरी के यहां गए और उनके साथ ही संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी मुख्यालय में पंहुचे।

अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद आडवाणी ने कहा, राजनाथ सिंह की जिम्मेदारी अब यह सुनिश्चित करना होगी कि बीजेपी में किसी अनैतिक कार्य से किसी तरह का समझौता नहीं होने पाए। उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी माने जाने वाले राजनाथ सिंह ने अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले बयान में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के ‘हिन्दू आतंक’ संबंधी बयान की आलोचना की।

बताया जाता है कि आडवाणी ने अध्यक्ष पद के लिए पहले सुषमा स्वराज का नाम सुझाया था, लेकिन यह तय किया गया कि सुषमा, अरुण जेटली और नरेंद्र मोदी जैसे पार्टी के अग्रणी नेताओं को अभी उनकी भूमिकाओं में ही रहने दिया जाए। खबरों के अनुसार आडवाणी राजनाथ के नाम पर राजी नहीं थे, लेकिन सुषमा पर सहमति नहीं बनने के कारण वह इसके लिए राजी हो गए।

इससे पहले, पार्टी में अपने खिलाफ बगावत होने और अपनी कंपनी से जुड़े ठिकानों पर आयकर के छापों से घिरे गडकरी ने आखिर कल रात होते-होते इस्तीफे की घोषणा कर दी। खुद को निर्दोष बताने के साथ इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके कारण पार्टी के हित प्रभावित हों।

गडकरी ने दूसरे कार्यकाल की दौड़ से हटते हुए कहा, मैं जांच पूरी होने तक प्रतीक्षा करूंगा। मैंने तय किया है कि निर्दोष साबित होने तक, मैं दूसरा कार्यकाल नहीं लूंगा। पार्टी नए नेता को देखे और पार्टी जिसे भी चुनेगी, मैं उसे समर्थन और सहयोग दूंगा। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए राजनाथ सिंह के नाम का प्रस्ताव उन्हीं ने किया था, जिसे आडवाणी और सुषमा ने मान लिया। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह किसान नेता हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने बढ़िया काम किया है। वह हमारे परिवार की विचारधारा के प्रति वफादार हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में वह हमारा विजयी नेतृत्व कर सकते हैं।