ओबामा बोले, पुतिन से संबंध नहीं हुए हैं खराब
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को इस बात का खंडन किया कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ मास्को में होने वाली उनकी वार्ता रद्द किए जाने के बाद से पुतिन के साथ उनके संबंध खराब हो गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति कभी-कभी कक्षा के उबाऊ बच्चे की तरह लगने लगते हैं।
रूस द्वारा इस सप्ताह अमेरिकी जासूसी का भंडाफोड़ करने वाले एडवर्ड स्नोडेन को अस्थाई शरण दिए जाने के बाद अमेरिका और रूस के संबंधों के बिगड़ने और शीतयुद्ध के बाद से उसके सबसे निचले स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया जाने लगा था। इसके बाद ही अगले महीने के शुरू में ओबामा और पुतिन के बीच मास्को में होने वाली शिखर वार्ता को भी रद्द कर दिया गया था। ओबामा ने कहा कि पुतिन के साथ उनके बुरे संबंध नहीं हैं। उनके और पुतिन के बीच जून में उत्तरी आयरलैंड में वार्ता हुई थी और बातचीत के बाद हमलोग फोटोग्राफरो के सामने भी आए थे।
ओबामा ने कहा कि वह जानते हैं कि प्रेस चटपटी बातें तलाशता और कभी-कभी लोगों को कक्षा के उबाऊ बच्चे की तरह देखने लगता है लेकिन सच यह है कि हम लोगों के बीच बातचीत होती रहती है। कभी कभी वह बहुत ही काम की भी होती है।
ओबामा ने कहा कि वह मास्को शिखर वार्ता से केवल स्नोडेन को अस्थाई शरण दिए जाने के कारण अलग नहीं हुए बल्कि रूस के साथ कई अन्य मसलों पर जिसमें सीरिया भी शामिल है उनके गहरे मतभेद हैं। इसके अलावा मानवाधिकार के भी मामले हैं। ओबामा की टिप्पणी पर रूस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है।
अमेरिका और रूस के बीच कल ही विदेशी और सैनिक मामलों पर वार्ता हुई थी और रूस ने अमेरिका को इस साल के अंत में टैंक प्रतिस्पर्धा भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। रूस के विदेश मंत्री सरगेई लवरोव ने कहा कि हम लोगों के बीच किसी प्रकार का शीतयुद्ध न होकर घनिष्ट संबंध है और हमारी वार्ता पर स्नोडेन मामले का कोई असर नहीं है।
ओबामा ने कहा कि हम थोड़ा ठहर कर विचार करेंगे कि रूस किधर जा रहा है। इसके बाद ही सोचेंगे कि किन क्षेत्रों में हमारे बीच सहमति है और किन में मतभेद है। जहां हम सोचते हैं कि कुछ प्रगति हो सकती है। वहां भी रूस आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक का बहिष्कार करना सही नहीं होगा। दोनों देश सीरिया के बारे में जेनेवा में सम्मेलन बुलाने और उसमें सीरिया की सरकार और उसके विरोधियों के बीच बातचीत कराने पर सहमति है।