खुलासा : बीमारी से जूझ रहीं थीं वर्ल्ड कप मेडल जीतने वाली हॉकी प्लेयर्स
नई दिल्ली. भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की वर्ल्डकप में ऐतिहासिक जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं है कि सीनियर पुरुष टीम के पूर्व मुख्य कोच माइकल नोब्स ने टीम की सात खिलाड़ियों के एनीमिया (खून की कमी) से पीडि़त होने की बात कहकर चौंका दिया है।
नोब्स ने कहा, “युवा महिला खिलाड़ियों की यह उपलब्धि इसलिए भी तारीफ के काबिल है, क्योंकि उन्हें एनीमिया था। उन्होंने कहा कि खून की कमी के कारण थकान और आलस होता है, लेकिन इसके बावजूद खिलाड़ियों ने बढिय़ा प्रदर्शन किया। पूर्व कोच ने कहा कि लड़कियों में यह बहुत सामान्य बात है, लेकिन भारत में यह गंभीर समस्या है। आप वर्ल्ड चैंपियनशिप में यूरोप की मजबूत और स्वस्थ लड़कियों से अपनी खिलाड़ियों की बराबरी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? यह देखते हुए कांस्य पदक जीतना शानदार उपलब्धि रही। नकद पुरस्कार देना अच्छा है, लेकिन इन बच्चियों के लिए काफी कुछ किया जा सकता है। “
नोब्स ने भारत को पहला वर्ल्डकप पदक दिलाने के लिए जूनियर टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मेरी दो बेटियां हैं और वे ऑस्ट्रेलियाई प्रणाली का हिस्सा हैं, जो सिर्फ उनके कौशल ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की देखभाल भी करता है। भारत को इस तरह का रवैया अपनाना होगा, वरना भारतीय गांवों की ये लड़कियां गुमनाम हो जाएंगी।