त्रिकोणीय शृंखला : पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ से हारा भारत ‘ए’
प्रिटोरिया: भारत ‘ए’ की टीम रोहित शर्मा (66), सुरेश रैना (83) और अम्बाती रायुडू (70) के अर्धशतकों के बावजूद अंतिम तीन ओवरों में चार विकेट गंवाने से त्रिकोणीय एक-दिवसीय क्रिकेट शृंखला के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ से सात रन से हार गई।
बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद आस्ट्रेलिया ‘ए’ ने शीर्ष और मध्यक्रम के लचर प्रदर्शन से उबरकर ग्लेन मैक्सवेल के तूफानी शतक के दम पर आठ विकेट खोकर 298 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम अंतिम तीन ओवर में चार विकेट खोने से निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट पर 291 रन ही बना सकी।
47 ओवर के बाद टीम का स्कोर चार विकेट पर 278 रन था और उसे जीत के लिए 21 रन की दरकार थी। 48वें ओवर में दिनेश कार्तिक (10) जोश हेजलवुड की गेंद पर पगबाधा आउट हुए। रायुडू (56 गेंद में पांच चौके और दो छक्के) अगले ओवर की पहली गेंद पर नाथन कोल्टर नील (37 रन देकर तीन विकेट) की गेंद का शिकार बने। इसी ओवर में स्टुअर्ट बिन्नी (0) आते ही चलते बने। अंतिम ओवर में सिद्धार्थ कौल (0) आउट हुए।
ऑस्ट्रेलिया के लिए कोल्टर नील के तीन विकेट के अलावा हेजलवुड ने दो, जबकि ग्लेन मैक्सवेल और फवद अहमद ने एक-एक विकेट प्राप्त किया। भारत ने सलामी बल्लेबाज रोहित (87 गेंद में सात चौके) और शिखर धवन (15) के बीच पहले विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी से अच्छी शुरुआत की। धवन के आउट होने के बाद कप्तान चेतेश्वर पुजारा क्रीज पर उतरे, जिन्होंने 33 गेंद में तीन चौके से 29 रन जोड़े, लेकिन वह फवद अहमद की गेंद पर कैच आउट हुए।
रोहित के रन आउट होने पर स्कोर तीन विकेट पर 151 रन था। रैना और रायुडू ने चौथे विकेट के लिए 85 रन की भागीदारी निभाई। लेकिन रैना 43वें ओवर में मैक्सवेल की गेंद पर कैच आउट हुए। रायुडू और कार्तिक ने पांचवें विकेट के लिए 47 रन बना लिए थे। इससे पहले मैक्सेवल ने 79 गेंदों पर 18 चौकों और छह छक्कों की मदद से नाबाद 145 रन बनाए, जो उनके लिस्ट ‘ए’ करियर का पहला शतक है। उन्होंने इस बीच जोस हेजलवुड (नाबाद 21) के साथ नौवें विकेट के लिए केवल 13.4 ओवर में 146 रन की अटूट साझेदारी की।
मैक्सवेल की तूफानी पारी से पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई थी। निक मैडिनसन (52) के अर्धशतक के बावजूद उसके आठ विकेट 152 रन पर निकल गए थे। उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को भारत की तेज और स्पिन मिश्रित आक्रमण को खेलने में काफी परेशानी हुई। भारत की तरफ से कामचलाऊ आफ स्पिनर शिखर धवन ने 39 रन देकर बाएं हाथ के स्पिनर शाहबाज नदीम ने 42 रन देकर और तेज गेंदबाज मोहम्मद समी ने 51 रन देकर दो-दो विकेट लिए।
मैक्सवेल ने अपने आखिरी 107 रन केवल 39 गेंद पर बनाए। उन्होंने पारी के 43वें ओवर में समी पर लगातार तीन चौके लगाए और इस बीच अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद अगले दो ओवरों में उन्होंने धवन पर दो और जयदेव उनादकट पर तीन चौके जड़े। 24-वर्षीय मैक्सवेल ने उनादकट के अगले ओवर में डीप एक्स्ट्रा कवर पर छक्का जड़ा और फिर कौल पर चौका लगाकर 66 गेंद पर अपना शतक पूरा किया।
उन्होंने आखिरी दो ओवरों में भी अपना जलवा दिखाया तथा उन्होंने उनादकट पर छक्का और फिर दो चौके लगाए। कौल जब आखिरी ओवर करने के लिए आए, तो मैक्सवेल ने उनकी पहली तीन गेंदों को छह रन के लिए भेजा। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उनादकट ने अनुभवी शान मार्श (6) को छठे ओवर में बोल्ड करके भारतीय टीम को पहली सफलता दिलाई। एरोन फिंच (22) ने समी को वापस कैच थमाया।
अलेक्स डुलान (30) और मैडिनसन ने तीसरे विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी निभाई, लेकिन इसके बाद 14 रन के अंदर पांच विकेट गंवा दिए। भारतीय कप्तान पुजारा का कामचलाऊ गेंदबाज रैना और धवन को गेंद सौंपने का फैसला सही साबित हुआ। रैना ने डुलान को पुजारा के हाथों कैच कराकर मैडिनसन के साथ उनकी साझेदारी तोड़ी। धवन ने अगले ओवर में मैडिनसन और टिम पेन को पैवेलियन भेजा। मैडिनसन ने 56 गेंद की अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के लगाए। नदीम ने मोएजेस हेनरिक्स (6) और कोल्टर नील को लगातार गेंदों पर आउट करके ऑस्ट्रेलियाई खेमे को थर्रा दिया था, लेकिन मैक्सवेल टीम को इस संकट से उबारने में सफल रहे।