आधार कार्ड से शॉपिंग कराना चाहती है सरकार
By dsp On 12 Dec, 2013 At 12:22 PM | Categorized As अर्थ जगत | With 0 Comments

आरबीआई ने पिछले दिनों बैंकों से कहा कि बैंक 26 नवंबर के बाद जो भी एटीएम या पीओएस मशीन लगाएंगे, उसमें बायोमीट्रिक रीडर लगे होने चाहिए ताकि कंज्यूमर्स आधार कार्ड के जरिए भी वहां से ट्रांजैक्शन कर सकें। पेमेंट के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड पीओएस मशीन में स्वाइप किया जाता है। अब बैंक इस कदम पर सरकार से तीखा विरोध जताने का मन बना रहे हैं।

माना जा रहा है कि सरकार एटीएम से पैसे निकालने, बैंक अकाउंट्स में सब्सिडी के डायरेक्ट ट्रांसफर और अपने फिंगर प्रिंट्स देकर खरीदारी में आधार कार्ड के इस्तेमाल की सहूलियत लोगों को देने के अपने महत्वाकांक्षी अजेंडा पर काम कर रही है और आरबीआई का निर्देश इसे देखते हुए जारी हुआ है। इसके लिए लोगों को अपने 12 अंकों वाले आधार नंबर को बैंक अकाउंट से लिंक कराना होगा।

बैंकों को यह बात बेतुकी लग रही है। एक सीनियर बैंकर ने कहा कि जब यही काम मौजूदा टेक्नॉलॉजी से हो सकता है तो नेटवर्क चेंज करने में हम करोड़ों रुपए क्यों खर्च करें। इंडियन बैंक्स असोसिएशन की पेमेंट्स कमिटी ने 3 दिसंबर को इस मामले पर चर्चा के लिए बैठक की थी। इस बैठक से निकले नतीजों की जानकारी आरबीआई को जल्द दी जाएगी।

कमिटी के एक मेंबर ने कहा कि आरबीआई ने कहा है कि बैंक चाहें तो ऐसे कार्ड जारी कर सकते हैं, जिनमें आधार वाले फीचर न हों, लेकिन पीओएस मशीनों और एटीएम को अनिवार्य रूप से ऐसा बनाना है कि आधार कार्ड से वहां ट्रांजैक्शन हो सके। अब अगर बैंक आधार की एक्सेप्टेंस वाले क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी न करें तो हम बायोमीट्रिक रीडर्स के जरिए लेनदेन कर सकने वाले थोड़े से ऐसे कस्टमर्स के लिए नए एटीएम और पीओएस मशीनें क्यों खरीदें।

ऐसा कम ही होता है कि बैंक आरबीआई के निर्देश न मानें। हालांकि इस बार उन्होंने ताजा निर्देश के पालन में आने वाली मुश्कलों की जानकारी बैंकिंग रेग्युलेटर को देने का मन बनाया है। पेमेंट्स कमिटी की बैठक का ब्यौरा अधिकतर बैंकों को भेजा गया है और असोसिएशन इस संबंध में आरबीआई को जल्द लेटर भेजेगी। कुछ बैंकों ने यह मसला हल होने तक नए एटीएम और पीओएस मशीनें नहीं लगाने का फैसला किया है।

जिन बैंकरों और सर्विस प्रोवाइडर्स से इकनॉमिक टाइम्स ने बात की, उन्होंने कहा कि इसके लिए समूचा नेटवर्क ही बदलना पड़ेगा। एक सर्विस प्रोवाइडर ने कहा कि क्रेडिट या डेबिट कार्ड के मैग्नेटिक स्वाइप का डेटा टेलीफोन लाइंस से ट्रांसमिट होता है। बायोमीट्रिक डेटा के लिए हाई स्पीड कनेक्शन चाहिए। इसके लिए बैंडविड्थ और कपैबिलटी बढ़ानी होगी। इसके अलावा बायोमीट्रिक मोड में रिस्पॉन्स टाइम और रिजेक्शन ज्यादा होंगे। इसके चलते ट्रांजैक्शन में ज्यादा वक्त लगेगा।

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