नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद 25 दिन बीत गए हैं लेकिन अभी भी करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों में इसे लेकर तमाम सवाल बने हुए हैं।
कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब का सभी को इंतजार है। सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के मन में वास्तविक बढ़ोतरी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस सबके पीछे तृतीय और चतुर्थ श्रेणियों के कर्मचारियों की हड़ताल की धमकी के बाद सरकार द्वारा न्यूनतम वेतनमान बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर करीब 33 लाख कर्मचारियों को लिखित में आश्वासन देना है। सरकार ने इसके लिए एक समिति के गठन की बात भी कही जो चार महीनों में सभी संबंधित पक्षों से बात करके अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार न्यूनतम वेतनमान को बढ़ाने का फैसला लेगी।
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