2 दिन बाद मालवा में परंपरा के अनुसार नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस बार की नागपंचमी तीन योग लेकर आई है जो सफलता का कारक है। इस योग में पूजन-अर्चन करने से घर-घर में सुख-समृद्धि का वास होगा तथा हर कार्य में सफलता के योग भी बनेंगे।
पंडितों के अनुसार रविवार को सूर्य के नक्षत्र उत्तरा भाद्रपक्ष में तीन सिद्धियों में नाग देवता का पूजन होगा। इस बार नागपंचमी पर तीन योग एकसाथ बन रहे है। सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग के आने से इस दिन नागदेवता की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही कोर्ट कचहरी के कार्य में भी सफलता मिलेगी। इसके अलावा पानी का नक्षत्र होने से अच्छी वर्षा के संकेत भी नजर आएंगे।
मान्यता के अनुसार घर-घर में महिलाओं द्वारा नागदेवता का पूजन किया जाता है, परंतु इस बार तीन योग बनने से यह पंचमी काफी विशेष फलदायी रहेगी। विद्वानों के अनुसार इस दिन नागदेवता का पूजन करने तथा दान-पुण्य करने से हर कार्य सफल होंगे।
इस दिन तवा भी नहीं चढ़ता
परंपरा के अनुसार नागपंचमी के दिन घर-घर में नागदेवता का पूजन किया जाता है। महिलाओं द्वारा नागदेवता की पूजा करने के साथ ही वर्षों पुरानी परंपरा को आज भी बरकरार रखा जा रहा है जिसके चलते घर में तवा भी नहीं चढ़ाया जाता है और न ही चावल बनाए जाते है। केवल दाल-बाटी जैसे व्यंजन का उपयोग ही होता है। इसलिए घर-घर में दाल-बाटी ही बनाई जाती है। साथ ही चाकू या कैची का उपयोग भी नहीं किया जाता है और इस दिन केवल गुड़ की मिठाई का भोग लगाने का विशेष महत्व है।
फिर प्रशासन दिखाएगा सख्ती
शहर में इस बार नागपंचमी पर फिर प्रशासन की सख्ती नजर आएगी। इसके लिए अलग-अलग दल बनाए जा रहे है जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अलावा वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया जा रहा है जो सांप लेकर घूमने वाले सपेरों को पकडऩे के साथ ही उन पर कार्रवाई भी करेंगे। यही वजह है कि पिछली बार भी प्रशासन की सख्ती के कारण कई घरों में नागदेवता का पूजन नहीं होने के कारण महिलाओं ने मंदिरों में पूजा-अर्चना कर यह त्यौहार मनाया था। इस बार भी प्रशासन काफी सख्त नजर आ रहा है और घर-घर पूजे जाने वाले नागदेवता को घरों तक पहुंचने के पहले ही पकडऩे की तैयारी की जा रही है।
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