केंद्र ने कांग्रेस की तीन मांगों में से एक मांग को स्वीकार करते हुए बिल को पारित कराने के लिए लचीला रुख अपनाने का संकेत दिया है। एनडीए सरकार कांग्रेस की मांग स्वीकार करते हुए मैन्युफैक्चरिंग राज्यों के कंपनसेट करने के लिए इंटर-स्टेट ट्रांजैक्शंस पर 1 पर्सेंट टैक्स के प्रस्ताव को खत्म करने पर राजी हो गई है। हालांकि बाकी दो मसलों पर सरकार अपने रुख पर अड़ी है। सरकार अभी भी जीएसटी रेट की लिमिट को संविधान के दायरे में रखने पर राजी नहीं है। इसके अलावा विवाद निपटारा को जीएसटी काउंसल को सौंपने के फैसले पर भी सरकार कायम है। केंद्र सरकार के इन फैसलों से साफ जाहिर है कि वह संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी बिल पास कराने की पूरी कोशिश कर रही है।
एक सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सरकार ने 1% इंटर-स्टेट टैक्स हटाने की हमारी मांग मान ली है और वह रेट को जीएसटी एक्ट में रखने को भी तैयार है। इसलिए पार्टी को इसे समर्थ देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’ सरकार अगले सप्ताह संसद में यह संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। बिजनस एडवाइजरी कमेटी ने इस बिल पर चर्चा के लिए पांच घंटे का समय आवंटित किया था। केंद्र सरकार गुरुवार को कांग्रेस के साथ जीएसटी संशोधन के मसले पर औपचारिक बातचीत करने वाली है।
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