केन्द्र सरकार की बैंकिंग विरोधी नीतियों एवं निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को आयोजित देशव्यापी बैंक हड़ताल के दौरान प्रदेश की सभी बैकों मे कारोबार रहा। इससे करोड़ों का लेनदेन प्रभावित रहा। बैंकों के निजीकरण के विरोध में हड़ताल के चलते शहर कर्मचारियों से अंबेडकर सर्किल स्थित जीवन बीमा निगम कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और एकजुट होकर संघर्ष जारी रखने के नारे लगाए। इस अवसर पर राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन के महासचिव महेश मिश्रा ने कहा कि केन्द सरकार की बैकिंग विरोधी नीतियों एवं बैंकों के निजीकरण, मर्जर एवं कन्सोलिडेशन सहित बैंक कर्मचारियों की मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार बैंकों को सुदृढ़ करने के स्थान पर निजी घरानों को बैंकिंग लाइसेंस देने के लिए नीतियां ला रही है। जिससे देश में फिर से साहूकारी प्रथा का विकास होगा। उन्होंने कहा कि आम जनता का पैसा व विश्वास है बैकों का नहीं और सेढ़ साहूकार पहले ही बैकों के 13 हजार लाख करोड़ डृबत ऋणों में और सरकार उनको वसूल करने की नीति बनाने के स्थान पर निजी घरानों को बैंकों की सत्ता सौंपने का प्रयास कर रही है। निजी बैंक खुलने के बाद उपभोक्ताओं के साथ छलावा होगा। मिश्रा ने बताया कि हड़ताल के दौरान यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) में शामिल बैंकों की नौ यूनियनों ने भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए
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