भोपाल/इंदौर। इस बार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व 52 साल बाद अनूठा संयोग लेकर आ रहा है। जब माह, तिथि, वार और चंद्रमा की स्थिति वैसी ही बनी है जैसी कृष्ण जन्म के समय थी। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ के चंद्रमा की स्थिति में हुआ था। इससे पहले ऐसा योग 1958 में बना था। 52 साल बाद ऐसा संयोग दोबारा आया है।
पंडितों के मुताबिक कृतिका नक्षत्र का काल क्रम 9 घंटे 32 मिनट का होता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी की रात्रि रोहिणी नक्षत्र के आरंभ काल के संयोग मेें हुआ। रोहिणी नक्षत्र की स्थिति में मामूली अंतर भर आया है।
राजधानी भोपाल, इंदौर समेत प्रदेशभर में इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर नंदालयों में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। इस्कॉन मंदिर, गोपाल मंदिर, गोवर्धननाथ, जानकीनाथ, श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर सहित शहर के सभी कृष्ण मंदिरों को जगमग रोशनी से सजाया जाएगा। इस अवसर पर यादव समाज द्वारा भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।
पंडित धर्मेन्द्र शास्त्री के मुताबिक 52 साल बाद ऐसा अनूठा संयोग बन रहा है जब नंदलाला का जन्म उसी तिथि व नक्षत्र के अनुसार होगा। इससे पहले 1958 में ऐसा योग बना था। हिंदू काल गणना के अनुसार 5243 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र और वृषभ के चंद्रमा की स्थिति में भगवान का जन्म हुआ।
पंडितों के अनुसार इस बार भी ऐसा ही संयोग बन रहा है जिससे भक्तों में श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव मनाने को लेकर काफी उत्साह है। मंदिरों में रंगारंग लाइटिंग करने के साथ ही शहर के अनेक स्थानों पर मटकीफोड़ कार्यक्रम के आयोजन भी होंगे।
बड़ा गणपति से निकलेगी भव्य शोभायात्रा
जन्माष्टमी के मौके पर यादव समाज द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। समाज के अध्यक्ष ओंकार यादव ने बताया कि बड़ा गणपति चौराहा से सुबह 10 बजे भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा में इंदौर के अलावा आसपास के जिलों से भी समाजजन शामिल होंगे। शोभायात्रा में लगभग 20 झांकियां रहेंगी। इसके अलावा भजन मंडलियां, हाथी, घोड़े, बग्घी भी शोभायात्रा में आकर्षण का केन्द्र रहेंगे।
भगवान श्रीकृष्ण का 5243वां जन्मोत्सव
निशिता पूजा का समय = 23:59 से 24:45
अवधि = 0 घण्टे 45 मिनट
मध्यरात्रि का क्षण = 24:22
26 को पारण का समय = 10:52 के बाद
पारण के दिन अष्टमी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी
पारण के दिन रोहिणी नक्षत्र का समाप्ति समय = 10:52
दही हाण्डी – 26 अगस्त को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ = 24 को 10:17 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त = 25 को 8:07 बजे
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