कांग्रेस व भाजपा दोनों के लिए आत्मचिंतन की घड़ी
By dsp On 14 Mar, 2014 At 12:08 PM | Categorized As व्यूज पेपर | With 0 Comments
कांग्रेस व भाजपा दोनों के लिए आत्मचिंतन की घड़ी

कांग्रेस व भाजपा दोनों के लिए आत्मचिंतन की घड़ी

राहुल ने 6 फरवरी, 2014 को एक सभा में बोलते गए स्वीकार भी किया कि ”कांग्रेस पार्टी में मेरी सारी बातें नहीं मानी जातीं। मैं कई सुझाव देता हूं परंतु उनमें से कुछ पर ही अमल होता है।कांग्रेस पार्टी के ऐसे ही घटनाक्रम से व्यथित होकर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद जगदम्बिका पाल ने पार्टी में अपनी उपेक्षा व सुनवाई न होने के विरुद्ध रोष स्वरूप 7 मार्च को पार्टी व संसद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। दूसरे बड़े दल भाजपा की स्थिति भी इससे भिन्न नहीं। गत वर्ष नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाने के प्रश्र पर पार्टी के सबसे पुराने गठबंधन सहयोगी जद (यू) ने इससे नाता तोड़ लिया तथा लाल कृष्ण अडवानी ने भी भाजपा के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया था।जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, वरुण गांधी, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई बड़े नेता भी श्री अडवानी के समर्थन में आ गए थे और पार्टी नेतृत्व बड़ी मुश्किल से भाजपा के नाराज खेमे को संतुष्टï करने में सफल हुआ था लेकिन अब जबकि चुनाव सिर पर आ गए हैं, पार्टी में एक बार फिर असंतोष पनपने लगा है।लोकसभा चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अभियान चलाने के तरीके पर श्री अडवानी खुश नहीं हैं और उन्होंने साफ कह दिया है कि ”मैं राहुल गांधी के इस आरोप से सहमत हूं कि भाजपा अब ‘वन मैन पार्टी की दिशा में बढ़ रही है तथा इसमें एक ही नेता का प्रभुत्व है।”भाजपा की दूसरी बड़ी नेता सुषमा स्वराज भी पार्टी के काम करने के तरीकों से नाराज हैं। कर्नाटक में रैड्डी बंधुओं की पार्टी बी.एस.आर. कांग्रेस के भाजपा में संभावित विलय और हरियाणा के हैवीवेट नेता विनोद शर्मा द्वारा कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद भाजपा की सहयोगी हजकां में शामिल होने की घोषणा पर सुषमा स्वराज ने आपत्ति जता दी है।खनन घोटाले में गिरफ्तारी के बाद जहांं रैड्डी बंधुओं ने भाजपा से किनारा कर लिया था वहीं विनोद शर्मा माडल जैसिका मर्डर केस में सजायाफ्ता मनु शर्मा के पिता हैं तथा मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दायां हाथ बताए जाते हैं। भाजपा की सहयोगी ‘शिव सेना’ के उद्धव ठाकरे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी से नाराज हैं। उद्धव ने उन पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ सौदेबाजी करने का आरोप लगाया है। उद्धव के अनुसार, ”नितिन गडकरी पक्के सौदागर हैं और उन्हें जिस चीज की जरूरत होती है वह बिना पूंजी लगाए उसे हासिल कर लेते हैं।बिहार में राम विलास पासवान की लोजपा के साथ चुनाव गठबंधन पर बिहार के भाजपा नेतृत्व का एक वर्ग नाराज है। इसी कारण सी.पी. ठाकुर व कीर्ति आजाद जैसे नेता भाजपा की रैलियों से गायब पाए जा रहे हैं। अत: दोनों ही दलों के शीर्ष नेतृत्व के लिए यह आत्मचिंतन का समय है कि चूक कहां हो रही है और इसे सुधारा कैसे जाए। यदि जल्दी ही उन्होंने इस दिशा में कुछ नहीं किया तो जाहिर है कि इसका खमियाजा भी उन्हें ही भुगतना पड़ेगा।
चुनावों के बनते-बिगड़ते रंग
राजनीतिक दलों द्वारा टिकटों की घोषणा जारी है। नए गठबंधन बन रहे हैं और पुराने टूट रहे हैं तथा पार्टियों के अंदर घमासान तथा उठापटक जारी है।
‘आया राम गया राम’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए दल-बदली का रुझान भी चला हुआ है। ऐसे में इन चुनावों के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती चंद झलकियां हम पाठकों के साथ सांझी कर रहे हैं :
ह्व भारतीय जनता पार्टी स्वयं को ‘पार्टी विद ए डिफरैंस’ कहती है परन्तु टिकटों के वितरण पर चल रही अंतर्कलह व विभिन्न राज्य इकाइयों में धड़ेबंदी के चलते लोगों ने इसे ‘भारतीय झगड़ा पार्टी’ बुलाना शुरू कर दिया है। कल्पना चावला के शहर करनाल के नाम पर एक अनूठा रिकार्ड है। सन् 1967 के बाद से यहां हुए 13 लोकसभा चुनावों में एक बार भी महिला सांसद नहीं चुनी गई। हालांकि इस शहर ने सुषमा स्वराज जैसी नेता देश को दी है परंतु उन्होंने यहां से तीन बार चुनाव लड़ा और तीनों बार मुंह की खाई। इस बार भी यहां से किसी महिला के चुने जाने की संभावना कम है।
ह्व इस चुनावी महासमर में उतरे प्रधानमंत्री पद के अधिकांश दावेदार राहुल गांधी, जयललिता, ममता बनर्जी, मायावती व नवीन पटनायक कुंवारे हैं जबकि नरेंद्र मोदी की शादी रहस्य के आवरण में है। ममता बनर्जी का समर्थन कर रहे गांधीवादी अन्ना हजारे भी कुंवारे ही हैं।
ह्व उत्तर प्रदेश में सपा के लगभग आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार चुनावों में उनका साथ देने की बजाय दूसरे दलों से जा मिले हैं। कृषि मंत्री राजा आनंद सिंह का बेटा कृतिवर्धन सिंह, कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे की भाभी भारती पांडे व पूर्व सांसद नीरज शेखर के भाई पंकज शेखर भाजपा में शामिल हो गए हैं। पूर्व सांसद रामजी लाल सुमन का भाई नारायण सिंह सुमन बसपा में शामिल हो गया है जबकि एक अन्य मंत्री महबूब अली का भाई भूरे अमरोहा संसदीय क्षेत्र से सपा प्रत्याशी का विरोध कर रहा है।
ह्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी व पूर्व विधायक रणबीर यादव की 2 पत्नियां हैं और दोनों ही सगी बहनें हैं। रणबीर की पहली पत्नी पूनम खगडिय़ा से जद (यू) की विधायक है जबकि दूसरी पत्नी कृष्णा खगडिय़ा से राजद की उम्मीदवार के रूप में जद (यू) के दिनेश सिंह के विरुद्ध चुनाव लड़ रही है। अब रणबीर यादव की मुश्किल यह है कि वह इन चुनावों में नीतीश कुमार का साथ दें या उनके राजनीतिक शत्रु लालू का।
ह्व भाजपा नीत एन.डी.ए. से चुनावी गठबंधन करने वाले लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान ने पार्टी के जिन 6 उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 3 सीटों पर स्वयं पासवान, उनके भाई रामचंद्र और बेटे चिराग पासवान चुनाव लड़ रहे हैं जबकि 2 अन्य सीटों पर खड़े किए गए उम्मीदवार दागी हैं।
ह्व प्रमुख नेताओं के चित्रों वाली टी-शट्र्स, कॉफी मग, मोबाइल फोन एवं लैपटाप के कवर आदि की बिक्री जोरों पर है जिनकी 18 से 30 वर्ष की आयु के युवा मतदाताओं में भारी मांग है।
ह्व ‘आम आदमी पार्टी’ की शुरूआती सफलता का जादू विदेश में भी लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। भारत में एक कम्पनी ‘आप झाड़ू’ बाजार में उतारने जा रही है तो पाकिस्तान में एक सामाजिक कार्यकत्र्ता ने इसी नाम से एक राजनीतिक दल बनाने के लिए चुनाव आयोग में अर्जी भी दे दी है।
ह्व मतदान हेतु अपने माता-पिता को प्रेरित करने के लिए चुनाव आयोग हिमाचल प्रदेश में बच्चों की सहायता लेने पर विचार कर रहा है। इसके लिए 5 से 13 वर्ष तक की आयु के बच्चों को इस्तेमाल किया जाएगा।
ह्व मध्य प्रदेश के पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी भागीरथ प्रसाद ने भिंड से कांग्रेस का टिकट मिलने के अगले ही दिन पार्टी से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया है।
ह्व मुजफ्फरनगर दंगों के शिकार 12000 मतदाताओं ने चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की है। इनका आरोप है कि सभी दलों ने अपने स्वार्थों के लिए इनका इस्तेमाल किया और बाद में उन्हें उनके हाल पर ही छोड़ दिया। इन चुनावों में अब तक कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं और समय बीतने के साथ-साथ इनमें और नए रंग भी जुड़ेंगे।

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