कहानी : एक्सीडेंट
By dsp On 9 Mar, 2014 At 01:58 PM | Categorized As समाज/धर्म/जीवनशैली | With 0 Comments
कहानी : एक्सीडेंट

कहानी : एक्सीडेंट

एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा , उसे किसी एक्सीडेंट के मामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसने देखा कि जिस लड़के का एक्सीडेंट हुआ है उसके परिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रहे हैं। डॉक्टर को देखते ही लड़के का पिता बोला , आप लोग अपनी ड्यूटी ठीक से क्यों नहीं करते , आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी ज्.अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार आप होंगे।
डॉक्टर ने विनम्रता से कहा , आई एम सॉरी , मैं हॉस्पिटल में नहीं था, और कॉल आने के बाद जितना तेजी से हो सका मैं यहाँ आया हूँ। कृपया अब आप लोग शांत हो जाइये ताकि मैं इलाज कर सकूँ।
शांत हो जाइये !!!, लड़के का पिता गुस्से में बोला , क्या इस समय अगर आपका बेटा होता तो आप शांत रहते ? अगर किसी की लापरवाही की वजह से आपका अपना बेटा मर जाए तो आप क्या करेंगे ? पिता बोले ही जा रहा था।
भगवान चाहेगा तो सब ठीक हो जाएगा , आप लोग दुआ कीजिये मैं इलाज के लिए जा रहा हूँ। और ऐसा कहते हुए डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में प्रवेश कर गया।
बाहर लड़के का पिता अभी भी बुदबुदा रहा था , सलाह देना आसान होता है, जिस पर बीतती है वही जानता है।
करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर निकला और मुस्कुराते हुए बोला , भगवान का शुक्र है आपका बेटा अब खतरे से बाहर है।
यह सुनते ही लड़के के परिजन खुश हो गए और डॉक्टर से सवाल पर सवाल पूछने लगे , वो कब तक पूरी तरह से ठीक हो जायेगा। उसे डिस्चार्ज कब करेंगे? पर डॉक्टर जिस तेजी से आया था उसी तेजी से वापस जाने लगा और लोगों से अपने सवाल नर्स से पूछने को कहा। ये डॉक्टर इतना घमंडी क्यों है, ऐसी क्या जल्दी है कि वो दो मिनट हमारे सवालों का जवाब नहीं दे सकता? लड़के के पिता ने नर्स से कहा।
नर्स लगभग रुंआसी होती हुई बोली , आज सुबह डॉक्टर साहब के लड़के की एक भयानक एक्सीडेंट में मौत हो गयी , और जब हमने उन्हें फ़ोन किया था तब वे उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। और बेचारे अब आपके बच्चे की जान बचाने के बाद अपने लाडले का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस लौट रहे हैं।
यह सुन लड़के के परिजन और पिता स्तब्ध रह गए और उन्हें अपनी गलती का ऐहसास हो गया। फें्रडस, बहुत बार हम किसी सिचुएशन के बारे में अच्छी तरह जाने बिना ही उसपर रियेक्ट कर देते हैं। पर हमें चाहिए कि हम खुद पर नियंत्रण रखें और पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। वर्ना अनजाने में हम उसे ही ठेस पहुंचा सकते हैं जो हमारा ही भला सोच रहा हो।

comment closed

UA-38810844-1