इसलिए होती है ननद-भाभी में नोंक झोंक
By dsp On 11 Mar, 2014 At 11:03 AM | Categorized As समाज/धर्म/जीवनशैली | With 0 Comments
इसलिए होती है ननद-भाभी में नोंक झोंक

इसलिए होती है ननद-भाभी में नोंक झोंक

टीवी सीरियल में आपने अक्सर देखा होगा कि ननद और भाभी में व्यंग्य के बाण चलते रहते हैं। हर सीरियल में देख लीजिए ननद भाभी के बीच छत्तीस का आंकड़ा चलता है। ऐसा केवल टीवी पर ही नहीं असल जिंदगी में भी होता है। असल जिंदगी में भी अक्सर दोनों के बीच नोंक झोंक चलती रहती है। इसके पीछे एक बड़ी रोचक कहानी है। एक बार देवी पार्वती के मन में आया कि काश उनकी भी ननद होती तो उनका मन लगा रहता। लेकिन भगवान शिव तो अजन्मे थे, उनकी कोई बहन नहीं थी इसलिए पार्वती मन की बात मन में रख कर बैठ गयी। लेकिन भगवान शिव तो अन्तर्यामी हैं उन्होंने देवी पार्वती के मन की बात जान ली और पूछने लगे कि तुम्हारे मन में कुछ चल रहा है तो बता दो। तब पार्वती ने कहा कि काश उनकी भी कोई ननद होती।भगवान शिव ने कहा कि ठीक है ननद तो आ जाएगी लेकिन क्या ननद के साथ आपकी बनेगी। पार्वती जी ने कहा कि भला ननद से मेरी क्यों न बनेगी। बस फिर क्या था। भगवान शिव ने अपनी माया से एक देवी को उत्पन्न कर दिया। यह देवी बहुत ही मोटी थी, इनके पैरों में दरारें पड़ी हुई थी। भगवान शिव ने कहा कि यह लो तुम्हारी ननद आ गयी। इनका नाम असावरी देवी है।
देवी पार्वती अपनी ननद को देखकर बड़ी खुश हुई। झटपट असावरी देवी के लिए भोजन बनाने लगी। असावरी देवी स्नान करके आयी और भोजन मांगने लगी। देवी पार्वती ने भोजन परोस दिया। जब असावरी देवी ने खाना शुरू किया तो पार्वती के भंडार में जो कुछ भी था सब खा गयी। देवी पार्वती और महादेव के लिए कुछ भी नहीं बचा। इससे पार्वती दु:खी हो गयी।
इसके बाद देवी पार्वती ने ननद को पहनने के लिए नए वस्त्र दिए लेकिन मोटी असावरी देवी के लिए वस्त्र छोटे पड़ गए।इसके बाद ननद रानी को अचानक मजाक सूझा और उन्होंने अपने पैरों की दरारों में पार्वती जी को छुपा लिया। पार्वती जी का दम घुटने लगा।महादेव ने जब असावरी देवी से पार्वती के बारे में पूछा तो असावरी देवी ने झूठ कह दिया कि वह नहीं जानती कि पार्वती कहां है। देवी पार्वती का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। जब शिव जी ने कहा कि कहीं ये तुम्हारी को बदमाशी तो नहीं, असावरी देवी हंसने लगी और जमीन पर पांव पटक दिया। इससे पैर की दरारों में दबी देवी पार्वती बाहर आ गिरीं।देवी पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि कृपया ननद को जल्दी से ससुराल भेजने की कृपा करें। मुझसे बड़ी भूल हुई कि मैंने ननद की चाह की। भगवान शिव ने असावरी देवी को कैलाश से विदा कर दिया। लेकिन इस घटना के बाद से ननद और भाभी के बीच नोंक-झोंक का सिलसिला शुरू हो गया।

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