भोपाल/उज्जैन। भारत सरकार द्वारा कालेधन को बाहर लाने के उद्देश्य से 500 और 1000 के नोट का चलन बंद करने की घोषणा के बाद से शहर में हडक़ंप का माहौल है। बुधवार को बैंंक और एटीएम बंद होने से लोगों को बाजार में खरीदारी करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं गुरुवार को अपने बैंक अपने निर्धारित समय खुल तो गए, लेकिन इससे पहले ही पैसे जमा करने वालों की भारी भीड़ जमा हो गई और काउंटरों पर लम्बी-लम्बी कतारे देखने को मिल रही है। वहीं, पेट्रोल पम्पों पर जितना बड़ा नोट लेकर जाएंगे, उतने का ही पेट्रोल-डीजल डाला जा रहा है। खुल्ले पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं, जिससे लोग बेहद परेशान हैं।
इधर गुरुवार को सुबह दूध की दुकान वालों ने परिचितों को उधार में दूध दिया, वहीं मेडिकल स्टोर्स संचालकों ने मनमानी करते हुए 500 रुपए की दवाई दी जा रही है। इससे कम की दवा देने को वे राजी नहीं हैं। जरूरतमंद लोग अन्य दवाएं भी मजबूरी में खरीद रहे हैं। अब लोगों की निगाहें एटीएम चालू होने पर हैंं। बैंकों में भीड़ के चलते लोग धक्का-मुक्की करते हुए पैसे जमा कर रहे हैं और एटीएम आज भी बंंद हैं। शुक्रवार को जैसे ही एटीएम खुलेंगे, वहां भी हालात बैंकों से ज्यादा भयावह नजर आने वाले हैं।
500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐलान के बाद से ही पूरे प्रदेश में उथल-पुथल मची हुई है। सब्जी, पेट्रोल, दवाई और किराना आदि जरुरी सामान खरीदने के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। माना जा रहा है कि कल एटीएम खुलने के बाद स्थिति कुछ हद तक सुधर जाएगी।
बैंक और एटीएम बंद होने से बढ़ी परेशानी
500 और 1000 के नोट बंद होने की परेशानी बैंक और एटीएम बंद होने के चलते और बढ़ गई। जहां लोग एटीएम से 100 और 50 रुपए के नोट नहीं निकाल सके तो बैंक में 500 और 1000 को नोट जमा कर उनके खुल्ले नहीं करा सके और परेशान होते रहे।
मंडी बंद किसान रहे परेशान
बड़े नोट बंद होने के कारण आज मंडी भी बंद रखी गई, जिससे किसान परेशान होते रहे। मंडी बंद होने की जानकारी किसानों को नहीं थी, इसलिए वह सुबह मंडी पहुँच गए थे। यहां डाक नहीं होने के बाद वह परेशान होते रहे। किसानों को बताया गया कि दो दिन तो डाक होना ही नहीं है। इसके बाद तीसरे दिन की भी गारंटी नहीं है। इस पर किसानों अपने घर को लौट गए। किसानों का कहना है कि इस समय रबी का सीजन चल रहा है, ऐसे में मंडी बंद रहने से खाद और बीज के लिए पैसों की जरुरत पड़ती है, मंडी बंद रहने से उन्हे आर्थिक परेशानी उठानी पड़ेगी।
गैस सिलेंडरों की नहीं हुई डिलेवरी
गैस सिलेंडरों की डिलेवरी भी बड़े नोट बंद होने से नहीं हो सकी। 500 और 1000 के नोट सिलेंडर वालों ने नहीं लिए और अधिकांश उपभोक्ताओं के पास 600 रुपए तक 100 और 50 के नोट नहीं थे। इसके चलते आधे दिन के बाद सिलेंडरों की डिलेवरी बंद कर दी गई।
100-50 के नोट की मांग बढ़ी
बड़े नोट बंद करने से सरकार के फैसले से 100 और 50 के नोट की मांग बढ़ गई है। खबर ऐसी भी है कि लोगों के पास सिर्फ 500 और 1000 के नोट है, वह 100 रुपए कम यानी 500 के 400 रुपए और 1000 के 900 रुपए में अदला-बदली भी कर रहे हैं। बाजार में माहौल कुछ ऐसा था कि 500 और 1000 के नोट की किस्मत फूट गई हो और 500 और 1000 के नोट पर जैकपॉट लगा हो। कोई भी दुकानदार बड़े नोटों के बदले छुट्टा देने को तैयार दिखाई नहीं दिया, जबकि कुछेक दुकानदार तो बड़े नोट स्वीकार करने के बदले मोलभाव भी करते देखे गए। इनकी कीमत 10 से 20 फीसदी तक कम आंकने लगे। ग्राहकों को 500 रुपए के नोट के बदले 450 रुपए तक का भुगतान मिल पाया।



