PM मोदी ने विपक्ष को दिया करारा जवाब, बोले- अमीरों के लिए काम नहीं कर रही सरकार
नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया। भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष की आशंकाओं को दूर करते पीए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार केवल अमीरों के लिए काम नहीं कर रही है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की योजनाओं के केंद्र में गरीब हैं। साथ ही भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव के लिए सहमत होने का संकेत देते हुए मोदी ने कहा कि किसानों को जमीन के मुआवजे के प्रावधान में ‘सूत’ भर बदलाव नहीं किया गया है और अगर इसमें किसानों के खिलाफ एक भी चीज है तो वह उसे बदलने को तैयार है।
मोदी ने राज्यसभा में कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में देखने के बाद कुछ लोगों को शायद यह विचार बदलना पड़ा होगा कि भाजपा केवल उच्च वर्ण के लोगों की पार्टी है।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, गोवा में जहां ईसाइयों के निर्यायक वोट है, जम्मू कश्मीर में, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक है, पंजाब में जो सिख बहुल क्षेत्र है.. वहां हमारी सरकारे हैं। भाजपा का विस्तार लद्दाख से कन्याकुमारी और कच्छ से अरूणाचल प्रदेश तक हुआ है। ऐसा किसी ने सोचा था क्या।
मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता था कि भाजपा उच्च वर्ण के लोगों की पार्टी है लेकिन मुझे देखने के बाद शायद यह विचार बदलना पड़ा होगा। अपनी सरकार के उपर कारपोरेट और अमीरपरस्त नीतियां बनाने के आरोपों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान क्या अमीरों और कारपोरेट क्षेत्र के लिए है ? क्या गरीबों को अच्छा जीवन गुजर बसर करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि जनधन योजना में गरीबों को बैंका का खाता खोलने की पहल की गई है। क्या यह अमीरों के लिए है ? हम कौशल विकास की पहल को आगे बढ़ा रहे हैं। यह अमीरों के लिए है या गरीबों के लिए ? स्कूलों में शौचालय बनाने की बात करना क्या कारपोरेट क्षेत्र के लिए है या गरीबों के बच्चों के लिए ? प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा की सफाई किसी के श्रद्धा का विषय हो सकता है लेकिन आर्थिक गतिविधयों से जुड़ा हुआ है।
मोदी ने कहा, ‘यह वरिष्ठजनों का सदन है और भूमि अधिग्रहण के बारे में कई चिंताएं व्यक्त की गई। मैं प्रथम दिन से कहता रहा हूं कि इसमें कोई कमियां हैं तो उसे ठीक कर लें। अगर कोई कमियां हैं तो (हम) जरूरी सुधार करने को तैयार हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछले विधेयक में भी हमने सहयोग दिया था। अगर वह अच्छा था तब हमें उसका श्रेय नहीं दें। लेकिन कोई कमियां हैं तो हम उस ‘पाप’ के भागीदार हम भी हैं। पिछले कानून में जमीन मिलने का प्रावधान प्रभावी नहीं था, ऐसे में स्कूल, रक्षा प्रतिष्ठान आदि के विकास का कार्यो कैसे आगे बढाया जाता।
मोदी ने कहा, ‘किसानों के खिलाफ एक भी चीज है तो मैं उसे बदलने के लिए तैयार हूं। अगर कोई कमियां हैं तो इसे मिलकर दूर करें और इसे पास करें।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान कानून के संदर्भ में नये विधेयक में मुआवजे के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें ‘सूत’ भर बदलाव नहीं आया हैं। मुआवजा उतना ही होगा जो पिछले विधेयक में था। इस बारे में गलत बात नहीं फैलायी जाए। पिछले भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तब सभी राज्यों एवं सभी दलों के मुख्यमंत्रियों ने एक आवाज में हमसे कहा कि किसानों के बारे में सोचें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों का कहना है कि पिछला कानून बोझ बना गया है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह दावा कर रही है कि वह भूमि अधिग्रहण पर अच्छा कानून लेकर आई। लेकिन 1894 के कानून के बाद इस 120 वर्ष पुराने कानून को बदलने और उसे किसानों के बारे में सोचने के लिए 60 वर्ष से ज्यादा लग गए।