कहानी : इज्जतदार चोर
बहुत पुरानी बात है। एक राजा के राज्य में तीन लोगों ने मिलकर चोरी की और बदकिस्मती से पकड़े गए। दूसरे दिन सजा के लिए उन तीनों चोरों को राजा के दरबार में ले जाया गया। राजा ने तीनों को ध्यान से देखा और पहले चोर से कहा – अरे आपने चोरी की!
इतना कहकर राजा ने उसे जाने दिया। दूसरे चोर को ध्यान से देखा और कहा , आप चोरी करेंगे , ऐसा मैंने सोचा भी नहीं था। यह कहकर उसने दूसरे चोर को भी जाने दिया। तीसरे को ध्यान से देखा और कहा – इस चोर को गंजा करके इसका मुंह काला करके सारे नगर में घुमाओ। राजा के दरबार में बैठे लोगों ने आपत्ति की कि तीनों का अपराध एक सा है, फिर सजा एक ही को क्यों। राजा ने कहा आप लोगों को मेरे फैसले का जवाब एक हफ्ते में मिल जाएगा। पहले चोर ने उसी रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दूसरा चोर नगर छोड़कर चला गया। तीसरे चोर को जब नगर में घुमाया जा रहा था, तो उसकी पत्नी उसे देखकर रोने लगी। इस पर चोर ने कहा – रोती क्यों है, जा घर जाकर पानी गर्म कर , मैं अभी नगर का चक्कर लगाकर आता हूं। मुंह धो लूंगा, फिर वैसा ही हो जाऊंगा। पहले दो चोर इज्जतदार चोर थे।