सेहत : अब गर्भवती महिला और होने वाला शिशु रहेंगे फिट
चिकित्सकों का कहना है कि गर्भावस्था में स्त्री को बहुत से पोषक तत्वों की जरूरत होती है। आपने भी सुना होगा कि गर्भवती महिला को दो लोगों के भोजन की जरूरत होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि पेट में पलने वाला शिशु भी भोजन करता है, बल्कि स्त्री को बच्चे के विकास के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों जैसे विटामिन्स और खनिज तत्वों की जरूरत पड़ती है। गर्भवती स्त्री के खानपान के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
नाश्ता
-सुबह के समय कम से कम तीन-चार भीगे बादाम, दो अंजीर और चार-पांच तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। इससे आपकी पाचन क्रिया सही रहेगी। साथ ही शरीर को आवश्यक खनिज तत्व भी मिल जायेंगे।
-इसके बाद नाश्ते में ताजे फल और ग्रीन टी लें,क्योंकि ग्रीन टी में कैफीन कम होता है और ये भूख भी बढ़ाती है।
-अगर आप अंडे का सेवन करती हैं तो सुबह एक उबला अंडा भी खा सकती हैं।
-करीब 11 बजे हरी सब्जी के साथ पकाई हुई दलिया या चावल का पोहा लिया जा सकता है। आप इस दौरान एक गिलास जूस भी पी सकती हैं।
दोपहर का भोजन
-इस वक्त के आहार में चोकरयुक्त आटे की रोटी या मिस्सी रोटी का सेवन करें। इसके साथ पत्ते वाली सब्जी, एक रसेदार सब्जी, दाल, चावल और थोड़ा सा दही जरूर लें।
-खाने के एक-दो घंटे पश्चात मौसमी फलों का सेवन कर सकती हैं।
शाम के समय
-दिन ढलने के पश्चात सूप पीना चाहिये। इससे रात में भूख खुलकर लगती है। यदि इस दौरान कुछ खाने की इच्छा हो तो हल्की खाद्य सामग्री का ही सेवन करें।
-ज्यादा तले-भुने खाद्य पदार्थो से दूर ही रहें तो अच्छा है। हां, आप चाहें तो ड्राई फ्रूट्स खा सकती हैं।
रात का भोजन
-रात के समय रोटी, एक रसेदार सब्जी, दाल और कोई हरी सब्जी ले सकती हैं।
द्य रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुना दूध पियें। ये आपके स्वास्थ्य के लिए अ’छा रहेगा।
द्य जहां तक संभव हो सब्जियों को उनके कुदरती रूप में ही सेवन करें। सब्जियों को बहुत तेज आँच पर कई बार न पकाएं। ऐसा करने पर उनके पोषक तत्व कम हो जाते हैं।
ये भी खा सकती हैं
-प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के दो-तीन ताजे फल खायें।
-दिन के भोजन और रात के भोजन के समय सलाद अवश्य लें।
-गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड बहुत जरूरी है क्योंकि ये गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में अहम् भूमिका निभाता है। ये हरी पत्तेदार सब्जियों, बीन्स, मटर, दाल और संतरे से मिलता है।
-घर का बना पनीर, अंकुरित दालें और सोयाबीन के विभिन्न उत्पादों का सेवन करें।
-जूस पीने से बेहतर होगा कि आप साबुत फलों का सेवन करें। गर्भावस्था में रेशेदार फल शरीर को काफी फायदा पहुंचाते हैं।
-कैल्शियम, आयरन और बी काम्प्लेक्स भी बहुत जरूरी हैं। इनके लिये पालक, बथुआ और कमल ककड़ी की सब्जियों का सेवन करें। आयरन की कमी से गर्भस्थ शिशु का सही विकास नहीं हो पाता और उसके रोग ग्रस्त होने की भी काफी संभावना रहती है।
-अंडे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड और बी काम्प्लेक्स होता है। ये गर्भस्थ शिशु के लिए उत्तम आहार है। आप चाहें तो अंडे का सेवन कर सकती हैं।
-प्रतिदिन लगभग साठ ग्राम प्रोटीन भी भोजन में लेना चाहिए। इसके लिये मलाई निकाला हुआ दूध, दही और अंकुरित दालें खानी चाहिए।
इनसे रहें दूर
-जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक सेहत को नुकसान ही पहुंचाते हैं इसलिए इनका सेवन न करें।
-डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ भी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं हैं।
-इसी प्रकार बाजार में मिलने वाली तली-भुनी और खुली खाद्य सामग्री खाने से बचना चाहिए। यही नहीं चाट-पकौड़ी से भी बचें।
-इस दौरान बाजार में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ पीने से परहेज करें क्योंकि इनमें बहुत से केमिकल मिले होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होते।
-इसके अलावा बहुत ज्यादा चाय या कॉफी न पियें क्योंकि ये भूख को प्रभावित करते हैं।
-अगर आप किसी प्रकार के नशीले पदार्थो का सेवन करती हैं तो इस दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि इनसे गर्भ में पल रहे शिशु का सही विकास नहीं हो पाता।