वजन घटाना है आसान

वजन घटाना है आसान

इंद्राणी की पीठ, पेट और कंधों पर इतना फैट जमा है कि वह अपनी उम्र से काफी अधिक दिखती हैं। यदि उनसे कोई वजन बढ़ने की वजह पूछ लेता है तो उनका सीधा जवाब होता है, ‘मेरा बोन स्ट्रक्चर ही ऐसा है कि मैं स्लिम दिख ही नहीं सकती! मैं चाहे जितना भी वर्कआउट कर लूं, मेरी फिगर मेंटेन नहीं हो सकती।’ दूसरी तरफ तनुश्री मानती हैं कि मोटापा उनकी जीन में है। उनकी नानी और मां बहुत मोटी थीं, इसलिए वह भी ऐसी हैं और आगे भी ऐसी ही रहेंगी।

ये तमाम बहाने हैं स्त्रियों के अपने बढ़ते वजन पर ध्यान न दे पाने के। दरअसल, उनका खाने-पीने का तरीका कुछ ऐसा होता है, जो उनका वजन बढ़ाने में मददगार होता है। डाइट एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर जापानी स्त्रियों की ईटिंग हैबिट्स और फ्रांसीसी स्त्रियों के फिट रहने के नुस्खों को आजमाया जाए तो वजन बढ़ने जैसी कोई समस्या ही नहीं रह जाएगी।

खाएं जापानियों की तरह

बासी खाना: ‘जैपनीज वुमन डोंट गेट ओल्ड ऐंड फैट..’ की सह-लेखिका नेओमी मोरियामा अपनी किताब में लिखती हैं कि जापानी महिलाएं पैक्ड फूड या फ्रिज में रखे खाने को कभी तवज्जो नहीं देती हैं। चाहे वह व्यंजन कितना भी लजीज क्यों न हो। जब भी उन्हें भूख लगती है, वे ताजे बने हुए भोजन को ही प्राथमिकता देती हैं। इसके उलट भारत में अमेरिका और ब्रिटेन की नकल पर प्रिज‌र्व्ड फूड और फ्रिज में रखे भोजन को खाने का चलन इन दिनों बड़ी तेजी से बढ़ा है।

न्यूट्रिशनिस्ट शिखा शर्मा कहती हैं, ‘बासी खाने में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है। उसे खाने के बाद भारीपन महसूस होता है। इससे हेपेटाइटिस, कॉन्सिटिपेशन, स्किन प्रॉब्लम आम है। दरअसल, पके भोजन में एक समय बाद न्यूट्रिशनल वैल्यू घटने लगती है। भोजन में मौजूद कई एंजाइम्स और विटामिंस डिग्रेड होकर पॉयजनस हो जाते हैं। वहीं फ्रोजन मीट में सॉल्ट के अत्यधिक प्रयोग से हमें ब्लडप्रेशर जैसी समस्या भी हो जाती है। अक्सर स्त्रियां बची हुई दाल या सब्जी को फ्रिज में रख लेती हैं और उन्हें दूसरे-तीसरे दिन तक गर्मकर सर्व करती हैं। क्या आप जानती हैं कि कुछ हार्मफुल बैक्टीरिया कम तापमान में भी ग्रो कर जाते हैं?

पोर्शन पॉवर: विचित्रा सारे कामकाज निपटाकर एक बड़ी थाली में सारे व्यंजन परोसकर खाती हैं। अगर आप उन्हें चावल खाते हुए देखें तो हैरान रह जाएंगे! उनकी एक बाइट तीन बाइट के बराबर होती है। भोजन लेने के बाद उनकी अक्सर शिकायत होती है- आज मैंने ज्यादा खा लिया। ओह मेरे पेट पर से चर्बी कैसे हटेगी? यह समस्या सिर्फ विचित्रा की नहीं, हमारी भी हो सकती है। अगर हम जापानी स्त्रियों की भोजन की थाली के बारे में जानें तो बिना सराहे नहीं रह सकते हैं। वे हमेशा भोजन को छोटी प्लेट में परोसती हैं। अगर कई प्रकार के व्यंजन हैं तो छोटी-छोटी कटोरियों में उन्हें सजाती हैं। इस तरह वे सभी लजीज व्यंजन का स्वाद भी ले लेती हैं और मात्रा भी अधिक नहीं हो पाती है। अगर वे बर्गर जैसे हाई कैलोरी फूड का जायका लेना चाहती हैं तो उसके मिनिएचर को वे प्राथमिकता देती हैं। है न मजेदार आइडिया हाई कैलोरी फूड से बचने का। न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. ईशी खोसला कहती हैं कि वजन बढ़ने की समस्या से परेशान महिलाओं को ‘हाफ प्लेट रूल’ अपनाना चाहिए। अपनी प्लेट के आधे भाग में सलाद और हरी सब्जियां रखें। आधी प्लेट में चपातियां, दाल, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट, अंडे का सफेद भाग या फिश पीसेज रखें।

आंखों से खाएं: अक्सर हम अपनी प्लेट भरकर जल्दी-जल्दी खाने की रस्म पूरी कर लेते हैं। जापानी स्त्रियां चाहे दूसरे काम जल्दी निपटा लें, लेकिन खाने के लिए वक्त जरूर निकालती हैं। मोरियामा कहती हैं कि जापानी स्त्रियां घर पर भोजन पकाने के दौरान खूब एक्सपेरिमेंट करती हैं। रेस्टोरेंट की बजाय वे घर के खाने को प्राथमिकता देती हैं। वे लजीज व्यंजन बनाने में भी लो कैलोरी फूड को तवज्जो देती हैं। भोजन को वे इस अंदाज में सजाती हैं कि खाने से पहले आप जी भरकर उसे देखना चाहें! वे सलाद को रोचक और अलग-अलग अंदाज में सजाती हैं। इसका मतलब साफ है कि थाली में परोसा हुआ भोजन आपको आकर्षक लगेगा और आप हर बाइट देख-देखकर खाएंगे। डॉ. ईशी कहती हैं कि वक्त अधिक लगने पर आप कम खाएंगी, क्योंकि आपका मस्तिष्क पेट भर जाने का संकेत 15-20 मिनट में दे देगा। खाने के समय टीवी बिल्कुल न देखें, क्योंकि इससे अधिक भोजन लेने की संभावना बनी रहती है।

शाकाहार और सीफूड का बोलबाला: मोरियामा कहती हैं कि जापान के लोग वेजिटेरियन फूड्स के क्रेजी होते हैं। अगर आप किसी जापानी महिला से पूछेंगी कि वह किस फूड को पकाना सबसे अधिक पसंद करती हैं तो उसका जवाब होगा- ग्रीन बींस, गाजर, पालक, प्याज, टमाटर और दूसरी कई जापानी सब्जियों से तैयार व्यंजन। नाश्ते में उन्हें कई तरह की सब्जियों के सूप और सलाद लेना खूब भाता है। अगर उन्हें सब्जियों को फ्राई भी करना होता है तो तेल (केनोला ऑयल) की बहुत थोड़ी मात्रा में वे ऐसा कर लेती हैं। स्टीम्ड सब्जियां खाने को वे अधिक प्राथमिकता देती हैं। रेड मीट को वे बिल्कुल मना करती हैं। इसके बजाय फिश (टूना, सार्डीन, मेकेरल), जिनमें ओमेगा- फैटी एसिड भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं, को वे खूब चाव से खाती हैं। ईशी मानती हैं कि आपके खाने में पर्याप्त मात्रा में सब्जी, फल शामिल हों। पानी खूब पिएं और जरूरत के हिसाब से प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे दाल, नट्स और सीड्स को शामिल करना न भूलें। अगर आप वजन घटाना चाहती हैं तो स्नैक्स को कहें न और अंकुरित मूंग-चने को कहें हां।

फ्रांसीसियों की तरह फिटनेस फ्रीक

फ्रांसीसी महिलाएं, चाहे वह किसी भी उम्र की हों, उन्हें फैशनेबल दिखना बेहद पसंद है, क्योंकि वे फैशनेबल ड्रेसेज की क्रेजी होती हैं। इसके लिए वे अपनी फिगर भी मेंटेन रखती हैं। वे हर उम्र में छरहरी दिखना चाहती हैं। वे कुछ बातों का विशेष ध्यान भी रखती हैं।

खाएं शौक से: जब वे किसी लजीज व्यंजन का लुत्फ उठाती हैं तो बिना किसी गिल्ट के। अक्सर हम खाते भी हैं और उसके बारे में व्यर्थ सोचते भी रहते हैं कि इसे खाने से बॉडी हाई कैलोरी गेन करेगी। मिरिएल गुलियानो अपनी एंटी डाइटिंग बुक ‘फ्रेंच वुमन डोंट गेट फैट..’ में लिखती हैं कि वे खाने को एंजॉय करती हैं। वे खाने के बाद सोच-विचार करने की बजाय पहले ही खुद पर कंट्रोल रखने की कोशिश करती हैं।

चलना है जिंदगी: वजन घटाने के लिए फ्रेंच स्त्रियां कभी जिम नहीं जातीं बजाय इसके वे खूब पैदल चलती हैं। अगर काम के सिलसिले में उन्हें छोटी दूरी तय करनी है तो गाड़ी ड्राइव करने के बजाय वे पैदल या साइकिल से चलना पसंद करती हैं। ईशी कहती हैं कि अगर आप 80-90 मिनट ब्रिस्क वॉक करें तो कभी भी आपका वजन नहीं बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर साइक्लिंग भी कैलोरीज बर्न करती है।

समय पर खाना: फ्रेंच स्त्रियां देर रात की बजाय शाम को ही भोजन ले लेती हैं। देर रात खाना उनकी डेली रुटीन में शामिल नहीं है। सोने से पहले यदि उन्हें भूख लगती भी है तो वे दूध या कोई दूसरा पेय पदार्थ लेना पसंद करती हैं। दूध वाली चाय या कॉफी की बजाय ब्लैक कॉफी प्रेफर करती हैं, क्योंकि इसमें जीरो कैलोरी होती है। वे भी जापानी महिलाओं की तरह अपने व्यंजन की मात्रा कम रखती हैं।