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By dsp bpl On 1 May, 2017 At 02:36 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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आज मजदूर दिवस पर सुबह जैसे ही अखबार उठाया और उसमें यह खबर पढ़ी, निश्चित ही वह देश के मजदूरों के वर्तमान हालातों को बयां करते हुये दिखाई देती है । जिसके अनुसार एक खेत मालिक ने अपने यहां नौकर को अपने कुत्ते से मरवा डाला । यहां तक कि वह कुत्ता उसका 25 परसेंट […]

By dsp bpl On 1 May, 2017 At 01:19 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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‘भारत गांवों का देश है’-ऐसा कहा जाता है। पर आज हम देख रहे हैं कि गांवों से भारत शहरों की ओर भाग रहा है। मानो, वह इस कहावत को अब बदल देना चाहता है कि ‘भारत गांवों का देश है।’ भारत शहरों का देश बनता जा रहा है। लोगों का मिट्टी से लगाव कम होकर […]

By dsp bpl On 1 May, 2017 At 01:27 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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जो मई दिवस दुनिया के मजदूरों के एक हो जाने के पर्याय से जुड़ा था,भूमण्लीकरण और आर्थिक उदारवादी नीतियों के लागू होने के बाद वह किसान और मजदूर के विस्थापन से जुड़ता चला गया। मई दिवस का मुख्य उद्देश्य मजदूरों का सामंती और पूंजी के शिकंजे से बाहर आने के साथ उद्योगों में भागीदारी भी […]

By dsp bpl On 29 Apr, 2017 At 11:20 AM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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अजय कुमार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तेजी से फैसले ले रही है। उम्मीद है कि जल्द इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। बात आज तक की कि जाये तो फिलहाल कानून व्यवस्था को छोड़कर अन्य फैसलों का अभी जमीन स्तर पर कोई खास असर नहीं दिखाई पड़ रहा है और यह उम्मीद भी नहीं की […]

By dsp bpl On 29 Apr, 2017 At 11:11 AM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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डॉ. राधेश्याम द्विवेदी राजनीति आज समाज सेवा नहीं बल्कि व्यवसाय बन चुका है आज युवा भी राजनीति में समाज सेवा के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए तेजी से भाग रहा है आज आपको भारत के उन आंकड़ों की बात कराते हैं कि जहां राजनेताओं पर होने वाला खर्च कितना है पूरे भारत के […]

By dsp bpl On 28 Apr, 2017 At 01:35 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
तमिलनाडु के किसान

प्रभुनाथ शुक्ल देश की अर्थव्यस्था में कृषि का व्यापक योगदान है, लेकिन कृषि और किसान कभी भी राजनीति की चिंता नहीं बना, हालांकि उसकी बदहाली पर राजनीति खूब की जाती है और घड़ियाली आंसू बहाए जाते हैं। किसानों की अंतहीनपीड़ा को केवल वोट बैंक तक सीमित रखा जाता है। किसान राजनीति और सरकारों के लिए […]

By dsp bpl On 10 Mar, 2017 At 02:15 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री चुनाव परिणाम के लिए कुछ घंटो का इंतजार है, लेकिन एग्जिट पोल ने ही कई दिग्गजों की पोल-पट्टी खोल दी हैं। पराजय की जिम्मेदारी तय होने लगी, नेतृत्व को बचाने के जतन होने लगे, ठीकरा फोड़ने के लिए सिर की तलाश होने लगी, यहां तक की गठबंधन या समर्थन के पैगाम भी […]

By dsp bpl On 10 Mar, 2017 At 02:48 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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डॉ. वेद प्रताप वैदिक उज्जैन-भोपाल पैसेंजर रेल में हुई विस्फोट की आतंकी घटना बेहद खतरनाक है। यह घटना अब तक हुई आतंक की सबसे खतरनाक घटना है, क्योंकि ये आतंकी उनके मुकाबले ज्यादा खतरनाक हैं, जो पाकिस्तान से आते हैं। अब यह आग अपने घर में ही फैलने लगी है। भारत के लिए खतरे की […]

By dsp bpl On 10 Feb, 2017 At 02:00 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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– मृत्युंजय दीक्षित संसद के दोंनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान जिस प्रकार की बहसें व बयानबाजी देखने को मिलीं, उससे साफ पता चल रह है कि भारतीय राजनीति व राजनेताओं का कितना चारित्रिक व बौद्धिक पतन हो चुका है। वर्तमान समय में भारतीय राजनीति बौद्धिक दिवालियेपन के दौर से गुजर […]

By dsp bpl On 10 Feb, 2017 At 02:10 PM | Categorized As सम्पादकीय | With 0 Comments
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– डॉ. मयंक चतुर्वेदी हिंदू चिंतन या कहें कि प्राचीन सनातन चिंतन के अनुसार सेवा का मतलब निस्वार्थ भाव से, पूजा भाव से, कर्तव्य भाव से उन सभी को सहयोग करना है, जिन्‍हें कि सहायता की आवश्‍यकता है। स्वामी विवेकानंद भी सेवा का यही अर्थ समझाते हैं। वे कहते हैं कि कर्तव्य भाव का होना […]

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