भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में जिन विषयों को रखा गया है, उन विषयों पर संघ एवं राज्य दोनों को कानून बनाने का अधिकार है। शिक्षा के समवर्ती सूची में होने के कारण कुछ विषयों पर शिक्षा से संबंधित नियमों में कभी-कभी केन्द्र एवं राज्य दोनों में एकरूपता नजर नहीं आती है, जिसकी परिणति कई […]
भारत ने जहां एक ओर अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने पर वर्ष 2022 में अपनी हीरक जयंती बड़ी धूमधाम से मनाने पर अभी से ही अपनी नजरें जमा ली हैं, वहीं दूसरी ओर एनडीए सरकार ने भारत में पहली बुलेट ट्रेन चलाने से संबंधित एक दशक पुराने सपने को साकार करने के लिए […]
यह संयोग की बात है कि आज जिस विचारधारा को समस्त भारत ने मुख्यधारा बनाना पसंद किया है, उसके दो प्रमुख प्रवर्तकों की यह जन्मसदी वर्ष है। यह अंत्योदय के प्रवर्तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में सहकारिता की नींव को बुंलद करने वाले मनीषी लक्ष्मण माधवराव इनामदार के जन्म का सौवां वर्ष […]
डॉ. मयंक चतुर्वेदी डोकलाम विवाद सुलझ गया, वह भी बिना किसी की संप्रभुता को चुनौती दिए बगैर । भारत सरकार की ओर से जो लगातार कूटनीतिक प्रत्न पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए हैं, जिसमें कि जापान से लेकर अमेरिका तक कई देशों का साथ उसे मिला किंतु चीन की हां में हां मिलाने को कोई […]
डॉ. शुभ्रता मिश्रा कौशल और कुशलता के पैमानों पर ही किसी राष्ट्र की समृद्धता और प्रसन्नता निर्भर करती है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने हाल ही में किसी देश की प्रतिव्यक्ति आय, सकल घरेलू उत्पाद, स्वास्थ्य, जीवन प्रत्याशा, उदारता, आशावादिता, सामाजिक समर्थन, सरकार और व्यापार में भ्रष्टाचार की स्थिति आदि के मापदण्डों के आधार पर विश्वस्तर पर […]
डा. वेद प्रताप वैदिक इस साल भारत और पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन के बाकायदा सदस्य बन गए हैं। इस संगठन में दोनों की सदस्यता एक साथ हुई, यह अपने आप में विशेष बात है। अब सवाल है कि ये दोनों राष्ट्र क्या उस संगठन में भी एक-दूसरे के साथ वैसा ही बरताव करेंगे, जैसा कि […]
मनोज कुमार ‘ठोंक दो’ पत्रकारिता का ध्येय वाक्य रहा है और आज मीडिया के दौर में ‘काम लगा दो’ ध्येय वाक्य बन चुका है। ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता से टारगेटेड जर्नलिज्म का यह बदला हुआ स्वरूप हम देख रहे हैं। कदाचित पत्रकारिता से परे हटकर हम प्रोफेशन की तरफ आगे बढ़ चुके हैं जहां उद्देश्य तय है, […]
सुरेश हिन्दुस्थानी मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन बाद राजनीतिक लाभ लेने के लिए उपवास और सत्याग्रह करने की कवायद की जाने लगी है। भाजपा और कांगे्रस एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ करते दिखाई दे रहे हैं। किसानों के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास पर बैठे। इसके माध्यम से उनका उद्देश्य […]
एम. एच. बाबू भाजपा का यह एक अचूक निशाना हो सकता है, यदि भाजपा ऐसा करती है तो एक तीर से कई निशाने निश्चित साध लेगी, क्योंकि भाजपा की रणनीति आने वाले लोक सभा चुनाव में सभी समीकरणों को मजबूती से सिद्ध करना होगा, वास्तव में भाजपा आने वाले लोकसभा चुनाव में पुन: अपनी बड़ी […]
निरंजन परिहार अशोक गहलोत एक बार फिर राजनीति की रपटीली राह पर मजबूत कदमों से आगे बढ़ते दिख रहे हैं। कांग्रेस में उन्हें महासचिव बनाया है। सहयोग के लिए चार सचिव देकर गुजरात कांग्रेस का प्रभारी भी बनाया गया है। गहलोत अनुभवी हैं, ताकतवर भी हैं और मजबूत जनाधारवाले भी। दो बार मुख्यमंत्री, तीन बार […]