नयी दिल्ली। भारत ने आगामी फरवरी महीने में विश्व व्यापार संगठन के अमीर और विकासशील देशों की छोटी मंत्रिस्तरीय बैठक बुलाई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है कि बैठक में इस बहुपक्षीय व्यापार निकाय में नई जान फूंकने के तरीके ढूंढे जाएंगे। भारत ने फरवरी में कुछ विकसित और विकासशील देशों की मिनी मंत्रिस्तरीय बैठक का प्रस्ताव किया है।
प्रभु ने कहा, ‘‘बैठक का उद्देश्य डब्ल्यूटीओ में जान डालने के तरीके ढूंढना है। हमारा विश्वास है कि डब्ल्यूटीओ अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्षेत्र में नियम बनाने की एक अनुकूल और पारदर्शी प्रणाली है।’’ इस बैठक में डब्ल्यूटीओ के 40 सदस्य देशों के भाग लेने की उम्मीद है। इससे पहले दिसंबर की शुरुआत में ब्यूनस आयर्स में डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक बेनतीजा रही थी।
यह बैठक इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि अमीर राष्ट्र समूह बनाकर नए मुद्दों मसलन निवेश सुगमता, ई-कामर्स के लिए नियम, स्त्री पुरुष असमानता को समाप्त करने और मत्स्यपालन पर सब्सिडी कम करने को आगे बढ़ाना चाहते हैं। भारत डब्ल्यूटीओ में जोरदार तरीके से कृषि मुद्दों को आगे बढ़ा रहा है। इसके अलावा वह नए मुद्दे लाने के खिलाफ भी आवाज उठा रहा है।
खासकर ऐसे मुद्दे जो सीधे व्यापार से जुड़े हुए नहीं हैं। डब्ल्यूटीओ की 11 वीं मंत्रिस्तरीय वार्ता सार्वजनिक खाद्य भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान पर अमेरिका के पीछे हटने की वजह से टूट गई थी।