नयी दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दिसंबर में घरेलू शेयर बाजारों से 5,900 करोड़ रुपये की निकासी की है। राजकोषीय घाटा बढ़ने तथा कच्चे तेल की ऊंची कीमतों की वजह से बाजार भागीदार वृहद आर्थिक मोर्चे को लेकर चिंतित हैं। दिसंबर में निकासी के बावजूद 2017 में एफपीआई का शेयर बाजारों में शुद्ध निवेश 51,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि तरलता घटने तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं में दरों में बढ़ोतरी से 2018 में एफपीआई संभवत: इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाएंगे। डिपाजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने दिसंबर में शेयरों से शुद्ध रूप से 5,883 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि, इस अवधि में उन्होंने ऋण बाजारों में 2,350 करोड़ रुपये का निवेश किया।
इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने शेयरों में 19,728 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह आठ महीने का उच्च स्तर था। मुख्य रूप से सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की योजना तथा विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति में सुधार से नवंबर में एफपीआई का निवेश उच्चस्तर पर पहुंचा था।