दवाएं बनाने वाली प्रदेश सरकार कर इकलौती कंपनी उत्तर प्रदेश ड्रग एंड फार्मस्युटिकल कंपनी लिमिटेड(यूपीडीपीएल) बंद हो गई। कंपनी के 137 कर्मचारियों को 50 माह के वेतन का भुगतान कर वीआरएस दिया जा रहा है।इसके के लिए कंपनी की अमौसी रेलवे स्टेशन के पास स्थित 49 एकड़ जमीन आईटी विभाग को देने का फैसला हुआ है।इसी जमीन के पैसे से कर्मचारियों का हिसाब किया जाएगा
अपट्रॉन, ईसीई की तरह ही अब यूपीडीपीएल का भी वजूद खत्म हो गया है। चार साल से कंपनी में दवाएं बनाने का दोबारा चलाने की योजना बनी, लेकिन इसमें 25 करोड़ से अधिक का खर्च था वहीं कर्मचारियों का वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेशन के लिए भी करोड़ रूपये की जरूरत थी। इसे देखते हुए सरकार ने अक्टूबर 2016 में इसे बंद करने और खाली पड़ी जमीन को बेचकर कर्मचारियां के वेतन-पेशन का भुगतान करने का फैसला किया। मार्च में भाजपा सरकार बनने पर इस कैबिनेट फेसले का दोबारा विचार हुआ। इसमें भी पिछली सरकार के फेसले पर मुहर लगा दी गई।