लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में फूलपुर संसदीय सीट से इस्तीफा दे देंगे। वह शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के लिए निर्विरोध चुने गए हैं।
केशव मौर्य ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दूसरे उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और दो अन्य मंत्रियों के साथ वह 18 सितम्बर को विधान परिषद की सदस्यता की शपथ लेंगे। उन्होंने बताया कि नियमानुसार शपथ लेने के 14 दिन के अंदर उन्हें एक सीट छोड़नी पड़ेगी। चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य क्रमशः गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीट से लोक सभा के सदस्य हैं।
ऐसे में विधान परिषद की सदस्यता के बाद इन दोनों नेताओं को लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ेगा। केशव ने बताया कि वह नवरात्र बाद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में कभी भी संसदीय सीट खाली कर सकते हैं। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के बारे में अभी स्पष्ट नहीं है कि वह गोरखपुर सीट से कब इस्तीफा देंगे। सूत्रों का कहना है कि वह भी केशव के साथ ही लोक सभा से इस्तीफा देने वाले हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी समेत उनके मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों ने 19 मार्च को शपथ ली थी। उस समय योगी के अलावा उनके दोनों उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा तथा दो मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व मोहसिन रजा उप्र विधान मंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। नियमानुसार पदभार ग्रहण के छह महीने के अंदर इन सभी को किसी भी सदन की सदस्यता लेनी जरूरी था। छह माह की यह समयावधि 19 सितम्बर को खत्म हो रही है।
इस बीच सपा और बसपा के छह सदस्यों ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, तो निर्वाचन आयोग ने पहले केवल चार सीटों पर ही उप चुनाव कराने का निर्णय लिया। आयोग ने बाद में ठाकुर जयवीर सिंह की रिक्त सीट पर भी उप चुनाव कराने का निर्णय लिया। इस सीट के लिए मतदान की तिथि 18 सितम्बर है। मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह शुक्रवार को विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुन लिए गये। हालांकि दूसरे मंत्री मोहसिन रजा भी किसी और का नामांकन न होने के चलते निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा 11 सितम्बर को होनी है।
उधर, भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीट पर उप चुनाव की तैयारी में जुट गई है। दरअसल योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य के इस्तीफा देने के बाद इन दोनों सीटों के लिए चुनाव आयोग कभी भी उप चुनाव की घोषणा कर सकता है।