नयी दिल्ली। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिव शंकर मेनन ने अफसोस जताते हुए कहा है कि भारत और पाकिस्तान की घरेलू राजनीति दोनों पड़ोसियों के बीच के संबंधों को सामान्य करने के आड़े आती है।
विदेश सचिव के तौर पर साल 2006 से 2009 के बीच अपनी सेवा देने वाले मेनन का कहना था कि पाकिस्तानी सेना भी भारत के साथ मजबूत संबंध के लिए अनिच्छुक है और दोनों देशों के बीच एक-दूसरे को लेकर काफी गलतफहमियां हैं। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के एक दावे के बारे में उन्होंने कहा कि सहमति बनने के लिए कई चीजें बची हुई थीं। कसूरी ने दावा किया था कि 2007 में पर्दे के पीछे चल रही बातचीत से कश्मीर मुद्दे पर सहमति बनी थी।
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, “मार्च 2007 में घटनाक्रम में काफी प्रगति हुई थी और मुशर्रफ ने कहा था, “मैं सभी मोर्चों से नहीं लड़ सकता हूं। उन्होंने उस समय मुख्य न्यायाधीश इफ्तीकार मोहम्मद चौधरी को पद से हटाया ही था। चौधरी को पद से बर्खास्त किए जाने से पाकिस्तान में कानूनी बिरादरी वाले और सिविल सोसाइटी के लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।