केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारियों से पहले कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘‘सत्ता के पूर्ण केंद्रीकरण’’ में विश्वास रखते हैं, जिससे सरकार की कैबिनेट प्रणाली ‘‘पूरी तरह बर्बाद’’ हो चुकी है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि फेरबदल से सरकार में कोई फर्क नहीं आने वाला, क्योंकि मंत्रिपरिषद में ‘‘प्रतिभा की कमी’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनमें ज्यादा प्रतिभा नहीं दिखती।’’ शर्मा ने कहा कि यूं तो मंत्रिपरिषद में फेरबदल प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन इससे ‘‘कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।’’ उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘वह किसी को नियुक्त कर सकते हैं और किसी को हटा सकते हैं और किसी का मंत्रालय बदल सकते हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, क्योंकि यह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो सत्ता के पूर्ण केंद्रीकरण में विश्वास रखते हैं।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में सरकार की कैबिनेट प्रणाली है, लेकिन पता नहीं कि अब वह उस तरह से काम कर भी रही है कि नहीं। उन्होंने कहा कि अहम मंत्रालयों को तीन साल से अधिक समय तक कैबिनेट मंत्री के बगैर रखा गया, जो पहले कभी नहीं हुआ था। शर्मा ने कहा, ‘‘क्यों? क्योंकि कैबिनेट मंत्री के दस्तखत से निकलने वाले नीतिगत दस्तावेज पीएमओ में तैयार किए जा रहे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर भी वह ऐसा ही कर रहे थे। अब वह भारत में भी ऐसा ही कर रहे हैं।’’
वृंदावन में चल रही आरएसएस की बैठक के बारे में शर्मा ने कहा कि संगठन में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह कह सके कि वह भाजपा की ‘‘मूल राजनीतिक पार्टी है।’’ आरएसएस को कई भुजाओं वाला ‘‘ऑक्टोपस’’ करार देते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि आरएसएस भारत की संस्कृति और हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है, लेकिन इसकी राजनीतिक विचारधारा है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने, बहुसंख्यक समुदाय ने, जिसमें मैं और बहुत से लोग शामिल हैं, ने आरएसएस अथवा भाजपा को इस देश के हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार कभी नहीं दिया।