देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने आज कहा कि केंद्र उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गयी है जिसमें उसे जीवित मानव का दर्जा दिया गया था। यह जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने संवाददाताओं से कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि मुख्य सचिव और राज्य के महाधिवक्ता गंगा के अभिभावक होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि गंगा नदी की सफाई का मसला उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला है, इसलिये केवल उत्तराखंड के मुख्य सचिव या महाधिवक्ता अन्य राज्यों में इससे जुड़े मसलों से कैसे न्याय कर पायेंगे। इसलिये केंद्र सरकार इस मसले पर उच्चतम न्यायालय गयी है।’’
कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार भी इस याचिका में एक पक्षकार है। हालांकि, उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले का पूरी तरह से स्वागत किया जिसमें गंगा और यमुना को जीवित मानव का दर्जा देते हुए एक भारतीय नागरिक के सभी कानूनी अधिकार दिये गये हैं।