नई दिल्ली। टैक्स चोरी करने और कालाधन इकट्ठा करने वालों पर सख्ती की बात दोहराते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वालों को दंडित करने में कोई कोताही न बरती जाये।
जेटली ने कहा कि नियमों के पालन न होने की स्थिति में आम जन का नुकसान उठाना पड़ता है। यहां प्रवर्तन दिवस पर उन्होंने एजेंसी से कहा कि कानून का सख्ती से पालन करायें ताकि सरकारी खजाने में राजस्व की वृद्धि हो। टैक्स से जुड़े नियमों के पालन को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि ईडी को कानून का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने नागरिकों को विदेशी विनिमय में कारोबार की अनुमति भरोसे के साथ दी है। उन्होंने कहा कि हवाला माध्यमों का इस्तेमाल, देश से धन का बाहर जाना, धन का हेर-फेर व कर चोरी के लिए मुखौटा कंपनियां बनाना जैसे मनी लांड्रिंग के गंभीर अपराध अब ‘बहुत जाना माना व्यवहार’ बन चुका है। जेटली ने कहा कि इस तरह के उल्लंघनों का पता लगाना मुश्किल नहीं है और कंपनी पंजीयक के पास फाइलिंग की जांच से भी इसे पकड़ा जा सकता है।
वित्त मंत्री ने मनी लांड्रिंग, कर चोरी व मुखौटा कंपनियों के सृजन को गंभीर अपराध करार दिया क्योंकि इनके जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल व ग्रामीण विकास में लगने वाली राशि का हेर-फेर होता है। गडबड़ियों को पकड़ने में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी से विभिन्न उल्लंघनों को पकड़ने के उपकरण मिले हैं। जेटली ने कहा कि हम एक विकासशील देश से विकसित देश बनने जा रहे हैं। ऐसा करते समय हम एक स्वैच्छिक कर अनुपालन समाज की ओर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि कर कानूनों का उल्लंघन लोक हित और राष्ट्र हित दोनों के खिलाफ है।