लखनऊ। सूबे की सत्ता संभालने के 16 दिन बाद योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग शुरू हो गई है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि प्रदेश सरकार किसानों की कर्जमाफी पर क्या ऐलान करती है। इसके साथ ही सरकार संकल्प पत्र से जुड़े कई अन्य निर्णयों की घोषणा करेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने सोमवार को अधिकारियों और कैबिनेट के सहयोगियों के लम्बी मीटिंग में विभिन्न विभागों की योजनाओं के ब्लू प्रिंट पर चर्चा की। वहीं कहा जा रहा है कि पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। सरकार की ओर से कैबिनेट बैठक खत्म होन के बाद ही सभी निर्णयों की जानकारी दी जायेगी।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट मीटिंग से पहले मंत्रियों को जो एजेंडा भेजा गया था उसमें सबसे ऊपर किसान कर्ज माफी की ही बात की गई थी। हालांकि सरकार यह कदम किस आधार पर उठायेगी, इस बार में साफ नहीं किया गया था। अगर योगी सरकार किसानों के एक लाख रुपये तक की कर्जमाफी का ऐलान करती है तो माना जा रहा है कि उसे 36 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। प्रदेश में करीब दो करोड़ 15 लाख किसान हैं। इनमें एक करोड़ 83 लाख सीमान्त जबकख लघु किसान हैं। इन सभी की कर्जमाफी के लिए सरकार को 62 हजार करोड़ रुपये का इंतज़ाम करना जरूरी है।
ऐसे में बीच का रास्ता निकालते हुए एक लाख रुपये तक की कर्जमाफी का ऐलान किया जा सकता है। इससे पहले कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पुष्टि की थी कि कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्ज माफी का फैसला होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से किसानों का कर्ज चुकाएगी।