चंडीगढ़ । हरियाणा में आरक्षण सहित छह मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे जाट समुदाय के लोगों का धरना 46वें दिन भी जारी है। बुधवार को पूर्व निर्धारित योजना के तहत सभी धरना स्थलों पर प्रदर्शन शुरू हुआ। यही नहीं 20 मार्च के प्रस्तावित संसद घेराव की तैयारियां भी तेज हो गयी हैं। संसद घेराव में भाग लेने के लिए प्रत्येक जिले में प्रचार टोलियां अधिक सक्रिय हो गयी हैं। जिससे की ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रदर्शन में शामिल किया जा सकें। जिसकी एक बानगी मंगलवार को फरिदाबाद में यशपाल मलिक के दिए बयान से लगाया जा सकता है। जिसमें यशपाल मलिक ने कहा था कि आरक्षण लाठी से नहीं बल्कि संख्या बल से मिलेगा।
जाट नेताओं की रणनीति संसद घेराव में हजारों की संख्या में लोगों को शामिल कर सरकार को दबाव में लाने की है। वहीं दूसरी तरफ होली के दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाट नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित करके गेंद प्रदर्शनकारियों के पाले में डाल दी है। राजनीति के माहिर खिलाड़ी मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि सरकार द्वारा प्रर्शनकारियों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है। कुछ मामलों में कार्यवाही भी चल रही है। जिसको देखते हुए संभावना जतायी जा रही है कि 20 के पहले जाट नेताओं व सरकार के बीच एक दौर की और वार्ता हो सकती है। यहां बता दें कि सरकार व प्रदर्शनकारियों के बीच दो चक्र की वार्ता पहले हो चुकी है। लेकिन वार्ता में कुछ मुद्दों को छोड़कर दोनों की पक्षों में सहमति नहीं बनी थी। इस बातचीत की संभावनाओं के बीच प्रशासन भी संसद भवन घेराव के कार्यक्रम को देखते हुए सर्तक है। प्रशासन द्वारा खुफिया विभाग के माध्यम से लगातार संसद भवन घेराव की तैयारियों का अपडेट लिया जा रहा है।