इंदौर। अब दिल की बीमारी से मरने वाले मरीजों की जान बचाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो एडवाइजरी जारी की है। उसके अंतर्गत एम्बुलेंस का नेटवर्क बढ़ाने के साथ ही उसमें सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया गया है। नए प्रोटोकाल के अंतर्गत अगर किसी को हार्ट की शिकायत है और वो 108 या अन्य एम्बुलेंस से अस्पताल जा रहा है तो उसका ईसीजी एम्बुलेंस में ही हो जाएगा। यही नहीं मरीज के अस्पताल पहुंचने से पहले ईसीजी की रिपोर्ट ऑनलाइन चिकित्सक के पास तक पहुंच जाएगी।
लगातार बढ़ रहे हार्ट के मरीजों के मामलों को रोकने के लिए आईसीएमआर ने नया प्रोटोकाल तैयार किया है। इस प्रोटोकाल के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एम्बुलेंस के नेटवर्क को बेहतर करने के साथ अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल देश में हर साल 20 लाख लोगों को हार्ट अटैक जैसी बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से करीब 6 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इंदौर सहित पूरे प्रदेश में हार्ट से संबंधित बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन मरीजों को कई बार एम्बुलेंस से अस्पताल तक तो ले जाया जाता है लेकिन बीच रास्ते में उन्हें चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने की वजह से उनकी मौत हो जाती है जिसको ध्यान में रखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है कि 108 या अन्य एम्बुलेंस से अस्पताल तक पहुंच रहे मरीज का ईसीजी रास्ते में ही हो जाएगा। साथ ही उसकी रिपोर्ट ऑनलाइन चिकित्सक को पहुंच जाएगी ताकि अस्पताल पहुंचने तक मरीज का इलाज शुरू हो सकेगा। इस प्रोटोकाल को पहले तमिलनाडु के कई हिस्सों में आजमाया गया था। इसके सकारात्मक संकेत मिलने के बाद इसे प्रदेश में भी लागू किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस प्रोटोकाल के लागू करने के दौरान तमिलनाडु में हार्ट से संबंधित बीमारियों से होने वाली मौतों में कमी आई थी।