नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर जैनरिक दवाइयां मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार नेशनल यूथ कॉऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से देशभर में 1000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र 31 मार्च तक खोलेगी। कम कीमत में उत्तम गुणवत्ता की दवाई आम गरीब जनता को मुहैया करवाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य निर्धारित किया गया है। केंद्रीय मंत्री अनन्त कुमार ने शुक्रवार को यहां नेशनल यूथ कॉऑपरेटिव सोसाइटी के देशभर के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस योजना का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा की वर्तमान में भारत में दो लाख करोड़ रूपये का दवाइयों का व्यापार है जिसमे से एक लाख करोड़ रुपये की दवाइयों का खर्च सिर्फ भारत में जनता द्वारा किया जाता है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में 60 प्रतिशत जनता गरीबी और महंगाई के चलते दवा नहीं ले पाती है। जन औषधि योजना के अंतर्गत जैनरिक दवाइयां ब्रांडेड या फार्मा की दवाइयों के मुकाबले में काफी सस्ती होती हैं। जबकि उनकी गुणवत्ता और असर ब्रांडेड के बराबर ही होती है। प्रधानमंत्री जनऔषधि अभियान मूलत: जनता को जागरूक करने के लिए प्रारम्भ किया गया है| इसमें नेशनल यूथ कॉ ऑपरेटिव सोसाइटी को अहम भूमिका निभाना होगा। ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य होने के बावजूद भी इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं।
नेशनल यूथ कॉऑपरेटिव सोसाइटी अध्यक्ष राजेश पांडेय ने बताया यूथ कॉऑपरेटिव सोसाइटी देश के 600 जनपद में सक्रिय है और प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का लाभ देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर स्किल इण्डिया के तहत आगे बढ़ रही है। कार्यक्रम को बीपीपीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विलप्त चटर्जी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सह संगठन मंत्री श्रीनिवासन ने भी सम्बोधित किया। उल्लेखनीय है जन औषधि योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को घोषित एक योजना है। इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक (Generic) दवाइयों के दाम बाजार मूल्य से कम किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा ‘जन औषधि स्टोर’ बनाए गए हैं, जहां जेनरिक दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही है।