लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने माफिया मुख्तार अंसारी के जेल तबादले की कवायद पर सवाल उठाये हैं। पार्टी ने कहा है कि एक बार फिर माफिया डान मुख्तार अंसारी की जेल तबादले की खबरों के साथ ही ये साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती के बीच तेरा गुंडा मेरा गुंडा का खेल चल रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने सपा-बसपा के माफिया राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि हाल ही में हुए विधान परिषद और राज्यसभा के चुनावों के दौरान मुख्तार अंसारी को जेल से ट्रांसफर कर लखनऊ जेल लाया गया था। इस दौरान मुख्तार अंसारी ने जेल से खुलेआम अपराध का अपना कारोबार भी चलाया। उनके गुण्डों ने लखनऊ के हजरतगंज में एक फोटो पत्रकार को अगवा कर उसकी पिटाई भी की, पर अखिलेश सरकार मुख्तार पर हमेशा मेहरबान रही। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश भर में मुख्तार अंसारी और उनके भाइयों के साथ मुख्यमंत्री की तस्वीरें पोस्टरों में नजर आती रहीं। अब जबकि मुख्तार का पूरा कुनबा बसपा में शामिल हो गया तब अखिलेश सरकार उसके जेल तबादले का फरमान जारी कर रही है। सरकार का ये रवैया देखकर प्रदेश की जनता हैरान है। शलभ ने कहा कि सवाल उठने लगे हैं कि अचानक मुख्तार अंसारी से मुंह मोड़ने वाली सरकार पिछले पांच सालों के दौरान मुख्तार और मुख्तार जैसे माफियाओं की मदद क्यूं लेती रही। पांच सालों के दौरान इन माफियाओं ने सरकार की सरपरस्ती में गुंडागर्दी का नंगा नाच किया।
उन्होंने कहा कि अपराधियों के साथ ही साथ आतंकियों पर भी सरकार खास तौर पर मेरहबान रही। अपराधियों के साथ ही साथ आतंकियों तक के मुकदमे वापस लिए जाते रहे। और अब जब मुख्तार जैसे लोग मायावती जी के साथ जा खड़े हुए हैं तब अखिलेश सरकार उनका जेल तबादला कर रही है। शलभ ने कहा कि मायावती ने कभी इसी मुख्तार को मसीहा तक बना डाला था और इसके बाद जब जनता ने उनकी सरकार को प्रदेश से उखाड़ फेंका तब वह पिछले पांच सालों से इन्हीं माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बात उठाती रहीं। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता मायावती से भी जानना चाहती है कि सालों से जेल में बंद विधायक की हत्या के आरोपी मुख्तार को साथ लेकर वो किस मुंह से गुंडों के खिलाफ लड़ने की बात कर रही हैं। उन्हीं की सरकार में इंजीनियर हत्याकांड से लेकर कई सीएमओ तक के कत्ल हुए। ऐसे में साफ है कि सपा हो या बसपा, इनको ना तो गुंडों से परहेज है ना ही माफियाओं से। शलभ ने कहा कि चुनाव आयोग को मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं को गम्भीरता से लेकर ऐसी जेल में भेजना चाहिए जहां से मुख्तार जैसे अपराधी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके तथा खुदपर चल रहे मुकदमों को भी प्रभावित न कर सके। भाजपा सरकार आते ही गुण्डों को लेकर चल रहा सपा-बसपा का तेरा मेरा का खेल बन्द किया जायेगा। हर अपराधी जेल के सींखचों के अन्दर होगा और अपराधियों के संरक्षक कानूनी दायरे में आयेंगे।