नई दिल्ली। अतिचर्चित और राजनीतिक आरोप का साधनी बनी सहारा और बिड़ला डायरियों की जांच कैग (नियंत्रक एवं लेखक परीक्षक) करेगा। हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी आरोप लगाते हुए उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर सहारा और बिड़ला समूहों से पैसे लेने के आरोप लगाया था। हाल ही में कैग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी से कहा था कि वह सभी सर्च के डाटा को साझा करे। वहीं, सीबीडीटी के एक सूत्र ने सहारा और बिड़ला डायरियों के कैग की ओर से ऑडिट करने की पुष्टि की है| उधर, कैग ने दोनों इंडस्ट्रियल ग्रुप्स पर की गयी सर्च की जानकारी मांगी है।
इस मामले में कैग की ओर से तीन महीने में जांच पूरी की जा सकती है। कैग ने बीते 4 साल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से की गए सभी बड़े सर्च और सीज ऑपरेशंस का ऑडिट शुरू कर दिया है। सहारा की डायरियों में कथित रूप से प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अन्य कई भाजपा नेताओं और अन्य दलों के नेताओं के नाम शामिल हैं। इस डायरी में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का नाम भी शामिल है। फिलहाल यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी दायर हुआ है, जिसने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी में बरामद की गई डायरियों को लेकर किसी भी तरह की जांच का आदेश अब तक नहीं दिया है।
कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को सहारा और बिड़ला ग्रुप की ओर से रकम हासिल होने के आरोप वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की ओर से सुप्रीम कोर्ट दायर याचिका के आधार पर यह आरोप लगाए गए थे। शीर्ष अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की है। प्रशांत भूषण ने एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से दायर याचिका के पक्ष में आईटी डिपार्टमेंट की ओर से की गई रेड में सीज किए गए डॉक्युमेंट्स को सर्वोच्च न्यायल में रखा था। भूषण की ओर से पेश किए गए इन दस्तावेजों पर अदालत ने सवाल उठाए थे। हालांकि पीठ ने वकील प्रशांत भूषण से अगली सुनवाई में उन्हें साक्ष्य प्रदान करने को कहा ताकि वह इस बारे में निर्णय कर सके कि क्या वह याचिका स्वीकार कर सकती है।