भोपाल। गुरूवार सुबह बैंक खुलते ही बाहर लंबी -लंबी कतार लगनी शुरू हो गई। सुबह 6 बजे से ही बैंकों के बाहर लगी कतारों ने लोगो की बेकरारी और परेशानी की दास्ता को बयान कर दिया। शहर के अधिकांश बाशिंदों को बस इंतजार था कि कब खुलेगा बैंक या डाकघर का ताला? प्रदेश भर के बैंक और डाक घर के बाहर यही नजारा देखने को मिल रहा हैं।
भारतीय इतिहास में मुद्रा में अनेकों परिवर्तन समय समय पर हुए हैं। पीएम मोदी की नोट नीति ने काले धन के मालिकों के साथ आम लोगों की अल्पकालिक परेशानी भी बढ़ा दी हैं क्योकि भले ही आम लोगों के पास काली कमाई के बड़े नोट नही हैं, लेकिन उनके पास मौजूद नोट भी अब उनके काम नही आ रहे हैं और वे जरुरत की सामग्री नही खरीद पा रहे हैं। ऐसे में अब इन नोट को बदलवाना ही उनकी प्राथमिकता बन चुका हैं। यही वजह है कि राशन की दुकानों की तर्ज पर ना सिर्फ कालोनियों के आस पास स्थित बैंक बल्कि शहर की सीमाओं पर स्थित बैंको और डाकघरों में भी लोगों की लाइन नजर आ रही है। राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर समेत अनेक स्थानों पर आज सुबह 6 बजे से ही अलग अलग बैंको की विभिन्न ब्रांचों में लोगों ने एक के बाद एक दस्तक देनी शुरू कर दी थी। भोपाल में आईसीआईसीआई , एसबीआई सहित अन्य सभी बैंकों में लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा। नोट बदलने की प्रकिया के चलते प्रशासन ने इन स्थानों पर विशेष इंतजाम भी किये हैं, जिसके निर्देश हाल ही में इंदौर कलेक्टर पी. नरहरि ने जारी किये थे। हालांकि बैंक खुलने के पहले ही लोगो की लंबी लाइनें ये बताने के लिये काफी हैं कि आम आदमी की रोजमर्रा की आवश्यकता सरकार का ये निर्णय बहुत हद तक भारी पड़ रहा हैं।