भोपाल, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश में गर्भवती महिलाओं और बच्चों में खून की कमी को दूर करने के उद्देश्य महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से लालिमा अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर से होगी। अभियान के तहत प्रत्येक आंगनबाड़ी, शैक्षणिक संस्थाओं और अस्पतालों में आयरन फॉलिक एसिड की लाल रंग की गोलियां छह माह से दो साल तक बच्चों व महिलाओं को बांटी जाएगी, ताकि उनमें खून की कमी को दूर किया जा सके।
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं। पूर्व में भी शिविर लगाए गए थे, इन शिविरों में महिलाओं और बच्चों का परीक्षण कराया गया था। शिविर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उनके अनुसार 50 से 60 फीसदी गर्भवती महिलाओं में खूनी की कमी सामने आ रही है, जबकि 70 फीसदी बच्चों में खून की कमी होना पाया जा रहा है। आंकड़े सामने आने के स्वास्थ्य विभाग महिला बाल विकास विभाग का सहयोग लेकर महिलाओं और बच्चों को आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां बांटने का निर्णय लिया है।
एनीमिया को दूर करने के लिए प्राकृतिक, आधुनिक और परंपरागत उपायों का प्रचार-प्रसार होगा। महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी महावीर प्रसाद ने बताया कि मानव शरीर में लोह तत्वों का अवशोषण विटामिन सी की उपलब्धता से होता है जो कि खट्टे पदार्थों में पाया जाता है। आयरन फॉलिक एसिड की गोलियों की उपलब्ध्ता बनाए रखने के साथ सेवन के सही तरीके जैसे उन्हें खट्टे-मीठे पदार्थों का लेने का भी प्रचार-प्रसार करेंगे। इससे बच्चों और महिलाओं में खून की कमी दूर होगी।
स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में जिन महिलाओं को खून की कमी की शिकायत है, उन्हें जागरूक किया जा जाएगा। साथ ही उन्हें नियमित रूप से आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां खाने को दी जाएगी। अभियान के दौरान सुपरवाइजर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर खून बढ़ाने के घरेलू नुस्खे का प्रचार प्रसार करेंगी। माताओं को जागरूक करेंगी। इसके साथ ही उन्हें आयरन फॉलिक एसिड की लाल रंग की गोलियां वितरित की जाएंगी, ताकि महिलाओं और बच्चों के शरीर में खून की मात्रा में वृद्धि की जा सके।