गुना। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत एक ओर शासन-प्रशासन स्वच्छता की बात कर रहे हैं। वहीं इस अभियान को गांव वाले ही पलीता लगाने पर तुले हुए हैं। यह समस्या ग्राम बरखेड़ागिर्द के शासकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर में देखी जा सकती है। यहां परिसर में लगे हैंडपंप पर गांव वाले पानी भरने आते हैं। इससे दिनभर हैंडपंप चलता रहता है, इससे परिसर में पानी ही पानी भरा रहता है।
खास बात यह है कि छात्र-छात्राएं जब स्कूल पढऩे आते-जाते समय पानी से ही होकर गुजरना पड़ रहा है। इससे उनके कपड़े गंदे हो जाते है। वहीं दूसरी ओर मैदान परिसर में कीचड़ और गंदगी होने से मच्छरों की भरमार हो रही है। इससे बच्चों को बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई हैै। इसके बाद भी वहां की ग्राम पंचायत का रवैया इतना उदासीन हो गया है। इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते गांव के लोग भी स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूक नहीं हो पा रहे हैं। इससे पूरे गांव में गंदगी का माहौल बना हुआ है।
स्कूल परिसर में बाउंड्री का अभाव
ग्राम पंचायत के प्राथमिक स्कूल में लगातार बाउंड्री का अभाव बना हुआ है। इससे वहां छात्र-छात्राएं खुले में पढ़ाई ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। वहीं रात के समय स्कूल के हॉल में मवेशी गोबर और गंदगी कर जाते हैं। बाउंड्री न होने से स्कूल परिसर में रोजाना गंदगी पसरी रहती है। इसके अभाव में लोग हैंडपंप पर पानी भरने आते हैं इससे पूरा परिसर कीचड़ में तब्दील हो जाता है।
स्वास्थ्य केंद्र भी पड़ा है बेहाल
यहां का स्वास्थ्य केंद्र भी बदहाल स्थिति में है। इसके आसपास न सिर्फ कचरा फेंका जा रहा है। बल्कि उसे आग के हवाले भी किया जा रहा हैै। खासबात यह है कि प्रसूताओं की डिलेवरी के बाद महिलाओं और उनके बच्चों को यही रखा जाता है। कचरे से निकलने वाला धुंआ स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर भर जाता है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य केंद्र के आसपास भारी मात्रा में गंदगी जमा होने से प्रसूताओं और उनके बच्चों को सेप्टिक होने का डर बना रहता है। इसके बाद भी यहां की व्यवस्था को दुरूस्त नहीं किया जा रहा।