भोपाल। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे का गुरूवार को निधन हो गया। कटारे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और मुबई के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था।
धुरंधर नेताओं में शुमार रखने वाले कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे का गुरूवार को निधन हो गया। कटारे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था, जहां आज दोपहर दो बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। कटारे के निधन से मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष कटारे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें शानदार नेता बताया। कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कटारे के निधन को पार्टी के लिए अपूर्ण छति बताया हैं। उन्होंने कहा कि सत्यदेव कटारे जमीन से जुड़े नेता थे और हमेशा आम जनता की सेवा का भाव रखते थे। मप्र के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कटारे के निधन पर शोक व्यक्त किया हैं। मंत्री मिश्रा ने कहा कि कटारे विधानसभा में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जाने जाते थे। वे ओजस्वी वक्ता और जनहित के मुद्दे उठाने वाले समर्पित नेता थे।
अटेर विधानसभा क्षेत्र से 6 बार बने विधायक
दिवंगत कांग्रेस नेता सत्यदेव कटारे का जन्म 15 फरवरी 1955 को मप्र के भिंड जिले के मनेपुरा (अटेर) में हुआ था। वे लॉ पोस्ट ग्रेजुएट थे। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कटारे ने युवा कांग्रेस के साथ की थी। 1985 से 1990 तक वे मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव रहे। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के कार्यकाल में 1989 से 1990 तक वे मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव रहे। कटारे भिण्ड के अटेर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक चुने गए। कांग्रेस के शासन काल में तीन बार मंत्री पद पर रहें। 2003 से 2008 तक वे भिंड के अटेर क्षेत्र के विधायक रहे। लोकसभा के 1999, 2004 और 2008 में भिंड के अटेर क्षेत्र से उन्होंने विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और इन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2013 के चुनाव में वे विजयी रहे।